नागपुर – महाराष्ट्र रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (RERA), मुंबई द्वारा पारित आदेशों के तहत 1.08 करोड़ रुपये की बकाया राशि जमा नहीं करने पर मेसर्स कलश बिल्डर्स एंड डेवलपर्स की अचल संपत्ति की 26 मई 2025 को दोपहर 3 बजे नीलामी निर्धारित की गई थी। तहसीलदार द्वारा 15 मई 2025 को इसके लिए नोटिस जारी किया गया था।
इस नोटिस को चुनौती देते हुए बिल्डर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नीलामी पर रोक की मांग की। सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति प्रवीण पाटिल ने बिल्डर को तहसीलदार के पास 15 लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अंतरिम राहत दी।
हाई कोर्ट ने इन अधिकारियों को नोटिस जारी किया:
राजस्व और वन विभाग के प्रधान सचिव
जिलाधिकारी
तहसीलदार
RERA के प्रधान सचिव
प्रियेश विजयवर्गी, अशोक विजयवर्गी और रेखा विजयवर्गी
क्या कहा याचिकाकर्ता ने?
याचिका में कहा गया कि तहसीलदार का नोटिस महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 की धारा 194(2) का उल्लंघन है, क्योंकि:
नोटिस की तारीख 15 मई 2025 है
ऑफिस आउटवर्ड रजिस्टर में 19 मई की एंट्री
नोटिस की प्राप्ति 21 मई को हुई
जबकि नीलामी की तारीख 26 मई तय की गई है
ऐसे में नियमानुसार 30 दिन की अवधि का पालन नहीं किया गया।
हाई कोर्ट का निर्णय
RERA के पुराने आदेशों (21 मई 2019, 23 जून 2022 और 8 मार्च 2022) के तहत याचिकाकर्ता को 1.08 करोड़ रुपये विजयवर्गी को जमा करने थे
याचिकाकर्ता ने 26 मार्च 2025 को 10.65 लाख रुपये तहसीलदार को जमा किए
याचिकाकर्ता ने शेष राशि देने की भी सहमति जताई
इसके बाद कोर्ट ने नीलामी पर अंतरिम रोक लगाई
साथ ही कोर्ट ने कहा कि यदि आदेशों का पालन नहीं हुआ तो बिना सूचना के अंतरिम राहत समाप्त कर दी जाएगी।