Published On : Wed, Jan 31st, 2018

मिड-डे मील निधि घोटाला: शिक्षा विभाग ने दिए सेंट उर्सुला स्कूल को 20 लाख रुपए भरने के आदेश

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नागपुर: मिड-डे मील निधि में हुए धांदली में शिक्षा विभाग के आदेश पर प्राथमिक जिला परिषद के शिक्षणाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे ने सिविल लाइन्स स्थित सेंट उर्सुला गर्ल्स हाईस्कूल की प्रिंसिपल को नोटिस भेज 20 लाख रुपए जल्द से जल्द भरने के आदेश जारी किए है. जिसके कारण अब स्कूल प्रशासन में खलबली मची हुई है. दरअसल सेंट उर्सुला स्कूल को 2011 से लेकर 2015 तक 37 लाख 95 हजार रुपए का अनुदान मिला था. लेकिन संस्था ने इसमें से 18 लाख रुपए खर्च बताया . जबकि करीब 19 लाख रुपए को जूनियर कॉलेज के अकाउंट में शिफ्ट कर दिया गया. जबकि यह जिम्मेदारी स्कूल की प्रिंसिपल रचना सिंह की थी. दो वर्ष बाद शिक्षा विभाग की ओर से यह आदेश जारी किया गया गया है. शिकायतककर्ता आरटीई एक्शन कमेटी के अध्यक्ष शाहिद शरीफ द्वारा ही यह पूरा मामला उजागर किया गया था.

यह मामला उस समय काफी सुर्खियों में रहा था. इस मामले में हाइकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए एक समिति गठित करने का आदेश शिक्षा विभाग को दिया था. न्यायलयीन मित्र प्रशांत ठाकरे को समिति में नियुक्त किया गया था. जांच के बाद शिक्षा विभाग की ओर से ऑडिट कर रिकवरी का आदेश सेंट उर्सुला स्कूल को भेजा गया है. यह हेरफेर का मामला एंटी करप्शन ब्यूरो में भी गया था. जिसके बाद स्कूल के ट्रस्टीज और पदाधिकारियो, चेयरमैन ने भी एसीबी कार्यालय में हाजिरी लगाई थी. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने अपना पल्ला झाड़ने के लिए स्कूल को नोटिस जारी किया है.

इस पूरे मामले में सेंट उर्सुला स्कूल ट्रस्टीज के चैयरमेन और बिशप पॉल दुपारे ने कहा कि अभी कल ही उन्हें शिक्षा विभाग का नोटिस मिला है. दो से तीन दिन में वे स्कूल की प्रिंसिपल रचना सिंह को सस्पेंड करने की कार्रवाई करेंगे. दुपारे ने 20 लाख रुपये भरने के आदेश पर जवाब देते हुए कहा कि गलती प्रिंसिपल की है. तो उसका भुगतान भी वही करेगी स्कूल ट्रस्ट 20 लाख रुपए का भुगतान नही करेगा. एक हफ्ते के भीतर ट्रस्टीज की मीटिंग ली जाएगी और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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तो वही इस मामले में आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमेन शाहिद शरीफ ने कहा कि सरकारी निधि का उपयोग दूसरे कामों के लिए करना यह एक अपराध है. इसके लिए स्कूल की प्रिंसिपल पर आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए. प्रिंसिपल की ग्रेचुटी और फंड जो भी है उसमे से 20 लाख रुपये की वसूली की जाए. यह रकम स्कूल के विद्यार्थियों से न वसूल कि जाए. शरीफ ने बताया कि ग्रांटेड स्कूल होने के बावजूद भी विद्यार्थियों से पैसे स्कूल की ओर से लिए जाते थे. इसकी शिकायत भी वे आयुक्त से कर चुके है. स्कूल के बच्चो से जो भी अतिरिक्त पैसा लिया गया है वह उन्हें वापस लौटाया जाए.

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