Published On : Thu, Sep 24th, 2020

कृषि बिल के विरोध में संसद के बाद अब सड़क पर युवक कांग्रेस का प्रदर्शन

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मशाल मशाल आंदोलन के साथ कृषि बिल वापस लेने की मांग

कृषि बिल के विरोध में देश के किसान और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के इस प्रदर्शन के समर्थन में युवक कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष कुणाल राऊत और नागपुर जिलाध्यक्ष राहुल सीरिया के नेतृत्व में तथा रश्मि ताई बर्वे जिला परिषद अध्यक्ष नागपुर जिला, नागपुर इनकी प्रमुख उपस्थिति में आंबेडकर चौक से टेकाड़ी बस स्टॉप (कन्हान) तक मशाल मार्च निकाला गया. युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसके पहले भी रोजगार की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए आज किसानो के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है जिसमें केंद्र सरकार से कृषि बिल तुरंत वापस लेने की मांग की गई है.

राज्यसभा और लोकसभा में जिस तरह से यह बिल लाया गया, अध्यादेश लागू होने से आने वाले समय में
1) किसानों के लिए मंडियां खत्म हो जाएंगी.
2) किसानों को मिलने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य भी खत्म हो जाएगा.
3) कृषि बिल लाकर भाजपा सरकार अपने करीबी बड़े व्यापारियों को कालाबाजारी करने की छूट दे दी है, इससे किसानों की उपज की खुली लूट होगी.
4) बड़े व्यापारियों के द्वारा किसानों से सस्ता माल खरीदने और गोदामों में जमा होने के बाद बाजार में बनावटी कमी पैदा कर जनता को ठगा जाएगा.
5) मौसम की मार झेल रहे किसान को राहत देने की बजाय केंद्र सरकार उसका शोषण करने पर तुली हुई है.

कांग्रेस पाटी लगातार बिल का विरोध कर रही है और राष्ट्रपति से भी बिल पर हस्ताक्षर नहीं करने की अपील की है. किसानों के संगठन ने 25 सितंबर को देश बंद का आह्वान भी किया है जिसमें युवक कांग्रेस पूरी तरह से अपना समर्थन देंगी.

मशाल मार्च में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष कुणाल राऊत के साथ महासचिव अजीत सिंह, इरशाद शेख, नागपुर जिलाध्यक्ष राहुल सीरिया, आसिफ शेख, आशीष मंडपे, मोहसिन खान, धीरज पांडे, असद खान, राजा यादव, इरफान अहमद, रशीद अंसारी, सतीश पाली, प्रतिक कोल्हे, गौतम अंबादे, सलमान खान, मनीष भिवगडे, आकाश कडु, विक्की शरनागते, पंकज सावरकर, कुशल पोटभरे, शुभम रामटेके, सूरज राउत, महेश धोगड़े, अक्षय देशमुख, पारस मरघडे, नीलेश गिरे, निखिल तांडेकर, आकाश राहिले, गणेश आकरे, कार्तिक थोटे, आकिब सिद्दीकी आदि युवक कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में मशाल लेकर कृषि बिल का विरोध किया और बिल को वापस लेने के लिए मांग किया.