Published On : Wed, Jan 18th, 2017

नोटबंदी असफल प्रयोग और सनकी फैसला – काँग्रेस

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नागपुर: आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोट बंदी के फैसले के खिलाफ काँग्रेस का आक्रामक रुख जारी है। हाईकमान के निर्देशानुसार पार्टी ने देश भर में मौजूद आरबीआई के 33 कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। नागपुर में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पार्टी द्वारा नियुक्त निरीक्षक पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्तचरण दास के साथ राज्य इकाई के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। डिमोनिटाइजेशन के फैसले पर पार्टी का विरोध दर्शाते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने इसे प्रधानमंत्री का तुगलकी फरमान बताया। चव्हाण ने कहा, ‘इस एक फैसले की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है। दुनिया इस फैसले पर हँस रही है और इस वजह से भारत की जीडीपी विकास दर में दो फीसदी की गिरावट आएगी। मोदी के इस तानाशाही भरे फैसले की वजह से देश का ईमानदार आदमी लाइन में लगा रहा और पैसे वाले लोगो की मौज बरक़रार रही। इस फैसले की वजह से 120 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। प्रधानमंत्री ने देश में 50 दिन में अच्छे दिन लाने का समय माँगा था आज 70 दिन बीत चुके हैं पर इस पर प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध रखी है। जनता से संवाद करने में माहिर मोदी फैसला लागू कर विदेश चले गए। जनता से उन्होंने जितना समय माँगा था वो बीत चुका है अब तो उन्हें देश को बताना ही चाहिए की कितना काला धन बाहर आया।’

श्री चव्हाण ने आगे कहा, ‘इस फैसले के बाद आरबीआई की स्वायत्तता पर सवाल उठ रहे हैं। मोदी देश को कैशलेश बनाना चाहते हैं जनता इस फैसले के बाद में सच में कैशलेस हो चुकी है। देश की 86 फीसदी अर्थव्यवस्था नगद पर टिकी है। यह एक असफल प्रयोग था इस पर प्रधानमंत्री को माफ़ी माँगनी चाहिए और आरबीआई गवर्नर को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।’

मोदी ने एक फैसले से देश की जनता को बना दिया कैशलेस – पृथ्वीराज चव्हाण

नोटबंदी से किसान बरबाद : विखे पाटिल 

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विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण भाग और किसानों पर पड़ने की बात कही। पाटिल के मुताबिक इस फैसले की वजह से किसान बर्बाद हो चुका है। उसकी फसल को भाव नहीं मिल रहा। नगद पर आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था ठप पड़ चुकी है। ग्रामीण इलाक़े  कैशलेस हो ही नहीं सकते। नोटबंदी से कालाधन रखने वालो का कुछ नहीं बिगड़ा पर किसान बर्बाद हो गया।

हास्यास्पद कदम : मुत्तेमवार 

नोटबंदी के खिलाफ नागपुर में आंदोलन की कमान संभाल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘कालेधन का पता लगाने में जुटे मोदी ने 500 और 1000 की नोट बंद की और 2 हजार की नोट ले आये। यह कालाधन रोकने का नायब आयडिया है। इस फैसले के बाद अपने पैसे निकालने के लिए मशक्तत करनी पड़ रही है। अपने पैसे हासिल करने के लिए सीमा तय करना ऐतहासिक लेकिन हास्यास्पद कदम है।’

 

अपने पैसे हासिल करने करनी पड़ रही मशक्कत

नोटबंदी के विरोध में आयोजित जनसभा के बाद पार्टी का सात सदस्यीय शिष्ठमंडल आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक से मिला और उन्हें  निवेदन सौपा।

निवेदन आरबीआई क्षेत्रीय निदेशक को निवेदन सौपते काँग्रेसी नेता

नोटबंदी के फैसले को इतने दिन बीत जाने के बाद पार्टी द्वारा किये जा रहे आक्रामक प्रदर्शन की वजह क्या आगामी चुनावों को देखते हुए है। इस सवाल पर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘यह कार्यक्रम अखिल भारतीय काँग्रेस कमिटी के आदेश पर किया जा रहा है जिसका चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। प्रधानमंत्री ने यह फैसला देश पर थोपते हुए 50 दिन का समय माँगा था। हमने भी उन्हें समय दिया। इस फैसले पर 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम जो सन्देश दिया उसमे नोटबंदी का जिक्र तक नहीं था। यह प्रदर्शन उनसे जवाब मांगने के लिए किया जा रहा है कि आखिर इसका फायदा क्या हुआ। यह असफल प्रयोग था यह अब जनता को काँग्रेस बताएगी।’

आज के काँग्रेस पार्टी के प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्तचरण दास विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ,पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार, विधानपरिषद में उपसभापति माणिकराव ठाकरे, पूर्व सांसद गेव अवारी, पूर्व मंत्री राजेन्द्र मुलक, सतीश चतुर्वेदी, शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे के साथ अन्य नेता शामिल हुए।

 

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