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नागपुर: विदर्भ राज्य आंदोलन समिति द्वारा 1 मई को पूरे विदर्भ में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की ओर से विदर्भ के झंडे का ध्वजारोहण किया गया था। जिसमें सभी पार्टियों के विधायक, सांसद और मंत्रियो को फ़ोन किया गया था। और उनसे पूछा गया था कि वे विदर्भ कब देंगे। इसका असर यह हुआ कि शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के 20 से 25 कार्यकर्ताओं ने अमरावती और अकोला में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के पंडाल में घुसकर हंगामा मचाते हुए दंगा कुर्सियों की तोड़ फोड़ की। इसके साथ ही कार्यकर्ताओ ने विदर्भ का झंडा छीनने की भी कोशिश। इस घटना का विरोध विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने किया है।
इस बारे में अपनी नाराजगी जताते हुए विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के मुख्य निमंत्रक राम नेवले ने बताया कि शिवसेना और मनसे यह समझ चुकी है की उनको विदर्भ की जनता ने चुनाव में नकार दिया है। जिसके कारण वे चिढ़ गए हैं और इसी के चलते उन्होंने एक मई को किए गए विदर्भ प्रदर्शन के दौरान यह कारनामा किया। उन्होंने यह भी चेताया कि आनेवाले दिनों में शिवसेना और मनसे विदर्भ से पूरी बेदखल हो जाएगी।