– वेकोलि को लगाया करोड़ों रुपये की चपत
नागपुर – वेकोलि मुख्यालय कोलस्टेट सिविल लाईन नागपूर अंतर्गत वणी नार्थ बल्लारपुर और माजरी क्षेत्र में सक्रिय गोंदिया के वाहन सरगना ने सरकार के साथ की जाने वाली धोखाधड़ी की पोल खुलते ही काफी हलचल मची हूई है ?
बताते है कि मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र के परिवहन अधिकारियों की सांठगांठ से फर्जी दस्तावेज के आधार पर चोरी की गाड़ियों को पंजीकृत करवाने तथा दूसरे ट्रवल्स एजेन्सियों को बेचकर धन कमाने की स्पर्धा लगी हूई है ? इतना ही नहीं वेकोलि के प्रबंधन की सांठगांठ से फर्जी पेमेंटशीट दर्शाकर वेकोलि से लाखों करोडों रुपये का भुगतान पाने में उक्त वाहन सरगना काफी सक्रिय है ?
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा एवं बालाघाट के परिवहन अधिकारी कार्यालयीन सूत्रों की माने तो फर्जीवाड़ा के तहत पंजीकृत वाहन बसेस क्रमांक MP-28/P/0244, MP-28/P /0248,MP-28/P/0260,MP-50 /DA/ 0414, MP-50/DA/0415 आदि बसेस वाहनों के संबंध में पिछले 20-25 सालों के पंजीकृत एवं वाहन ट्रांसफर के दस्तावेजों की जांच की गयी तो वाहन सरगना पोल खुल जाएगी साथ ही सरकार के साथ की जाने वाली जालसाजी और राजस्व के नुकसान के जुर्म में दोषियों की चल व अचल संपत्ती भी जप्त हो सकती है ? परिवहन कार्यालय के सूत्रों की माने तो धोखाधड़ी बेईमानी और भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए वाहन सरगना ने तत्कालीन परिवहन अधिकारी को अपना बिजनेस पार्टनर बनाया परंतू वाहन सरगना बेईमानी पर उतर गया ? अंततः प्रत्येक गाडियों को फर्जी दस्तावेज के अधार पर पंजीकृत करवाने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत स्वरूप पारिश्रमिक डोनेशन देने के लिए वाहन सरगना राजी हो गया ?
बताते है कि तत्कालीन RTO को अपने फायदे के लिए यह RTO छिन्दवाडा से बालाघाट तथा सीधी RTO कार्यालय में ताबादला करवाया था ताकि वहां चोरी की गाड़ियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर पंजीकृत करवाया जा सके ?
इस गोंदिया निवासी वाहन सरगना के नाम पर स्कूली बसेस क्रमांक MH-35 /AJ/0576,वेकोलि के वणी नार्थ क्षेत्र में चलाई जा रही थी ? जो कि फर्जीवाडा उजागर होते ही गत वर्ष 2021 में मेसर्सः श्री बालाजी ट्रवल्स को काली सूची में डाल दिया गया है.
बताते है कि उक्त बसेस क्रमांक को वणी नार्थ के जिला यवतमाल के परिवहन कार्यालय में पंजीकृत करवाना जरुरी था ? लेकिन करवाया नहीं गया था,इस संदर्भ वाहन सरगना पर रोड टैक्स की चोरी का आरोप है ?
सूत्रों के अनुसार इस गोंदिया निवासी वाहन सरगना की फर्जीवाडा की बसेस बालाघाट जिले के किरनापुर में श्री बालाजी एज्युकेशन सोसायटी के नाम पर चलाई जा रही थी ? उक्त वाहन सरगना ने विगत 2019 में फर्जीवाडा की पोल खुलते ही जांच पडताल और कार्यवाई के डर से कुछ बसेस को फर्जी दस्तावेज के अधार पर दूसरों को बेचने में कामयाब हो गया ?
जिसकी बसेस क्रमांक MP-50/DA/0414 इंदौर के एक खरीददार को बेच दिया गया इसके अलावा बसेस क्रमांक MP-50 DA0415 को चंद्रपुर के एक खरीददार को बेच दिया गया है ?
उपरोक्त दोनों बसेस बिना नवीनीकरण किये बेचा गया है ? परिवहन कार्यालय के सूत्रों ने अपने तर्कसंगत आरोप में बताया कि बसेस क्र. MP-28/P/0246,छिंदवाडा परिवहन कार्यालय में पंजीकृत है,जबकि यही बस महाराष्ट्र में भी पंजीकृत है ? जो कि उक्त बसेस क्रमांक:- MP28/P/ 0246 और बसेस क्रमांक:-MP-28/P/0245 छिन्दवाडा जिला के सौंसर तहसील में चलाई जा रही है ?
बताते है कि मेसर्सः बालाजी एज्युकेशन सोसायटी बालाघाट के नाम पर पंजीकृत बसेस क्रमांक MP-28/P/0245 गाडी विगत वर्ष 2016 में छिन्दवाडा परिवहन कार्यालय में पंजीकृत करवाया गया था, छिन्दवाडा जिला के सौंसर रंगारी निवासी चिंतामण मंगोले के नाम पर चल रही है ?
उल्लेखनीय है कि बालाघाट जिला के कटनी ब्लाक से चोरी की गयी गाड़ी क्रमांक MH-35/K/3926 उक्त वाहन सरगना ने कौड़ियों के दाम में खरीदा और छिन्दवाडा के परिवहन कार्यालय में पंजीयन करवाया और बाद में गोंदिया निवासी बानेवार को बेच दिया गया है,
उधर वेकोलि महाप्रबंधक वणी नार्थ माजरी और बल्लारपुर क्षेत्रीय खदानों में कर्मियों के आवाजाही में चलाई गयी वाहनों के पीछे बड़ा ही गहरा राज छिपा हुआ है ?
पता चला कि परिवहन अधिकारी यवतमाल और परिवहन अधिकारी चंद्रपुर की अदूरदर्शिता के चलते उनके प्रभावशील क्षेत्रों की कोयला अंचल परिक्षेत्रों में चोरी और फर्जी दस्तावेज के आधार पर पंजीकृत गाडियों की जांच पड़ताल नहीं की जाती है ? क्यूंकि उपरोक्त परिवहन अधिकारी कार्यालय के वाहन निरीक्षकों की कार्यप्रणाली संदिग्ध हैं, नतीजतन वेकोलि में वाहन आपूर्ती ठेका के नाम पिछले 15-20 सालों से लाखों करोड़ों रुपये के बारे न्यारे हो चुके है.
आल इंडिया सोसल आर्गनाईजेशन ने पिछले 15-20 सालों से वेकोलि बल्लारपुर प्रबंधन माजरी क्षेत्र प्रबंधन तथा वणी नार्थ क्षेत्र प्रबंधन के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों की चल व अचल संपत्ती की जांच पड़ताल तथा दोषियों पर कठोर से कठोर कार्यवाई की जाए ताकि नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले दोषियों पर लगाम लगाया जा सके.
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