Published On : Fri, Dec 30th, 2016

एनआईटी की संपत्ति पर सभापति से दी जानकारी

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नागपुर:
नागपुर सुधार प्रन्यास की आर्थिक स्थित को लेकर लगातार बात होती रहती है। आम तौर पर ऐसा माना जाता है की एनआईटी आर्थिक रूप से बेहद संपन्न भी है। एनआईटी की 11 सौ करोड़ का फिक्स डिपॉजिट एनआईटी की संपन्नता की बात को सच भी करता है। अब एनआईटी को अंशकालीन तौर पर एनआईटी को बर्खास्त करने का फैसला सरकार ने ले लिया है। इसलिए ये बात ऐसी भी उड़ रही है की एनआईटी की वजह से आर्थिक रूप से बदहाल नागपुर महानगर पालिका के अच्छे दिन आ जायेगे। शुक्रवार को एनआईटी दफ्तर में आयोजित पत्रकार परिषद में पत्रकारों ने एनआईटी के सभापति डॉ दीपक म्हैसकर से पूछा जिस पर उन्होंने सारा लेखा जोखा सामने रखा।

सभापति के मुताबिक बात कई तरह की की जा सकती है लेकिन हकीकत बातो जैसी नहीं है। एनआईटी पुरानी संस्था है इस लिहाज से उसके पास फिक्स डिपॉजिट होना भी लाज़मी है। सभापति के मुताबिक एनआईटी के लगभग 11 सौ करोड़ रूपए बैंक में फिक्स डिपॉजिट है लेकिन एनआईटी की कुल लाइबिलिटी 1152 करोड़ की है। ऐसा नहीं है जो सब पैसा बैंक में जमा है उस पर एनआईटी का ही अधिकार है।

एनआईटी के पास मौजूद रकम को करंट एकाउंट में रखने से कोई फायदा नहीं होगा इसलिए उसपर ब्याज हासिल हो सके इसलिए शार्ट टर्म पर फिक्स करके रखा जाता है। जो पैसे डिपॉजिट में है से 73करोड़ पेंशन फण्ड के जबकि 36 करोड़ कर्मचारियों के जीपीएफ और 80 करोड़ ठेकेदारो के जमा है। इसके अलावा 434 करोड़ मेट्रो रेल ,250 करोड़ स्मार्ट सिटी परियोजना ,130 करोड़ मैट्रो रिजन के विकास और 200 करोड़ रूपए नए ले आउट के विकास के लिए खर्च किया जाना है। इस हिसाब से देखा जाये जो एनआईटी की फिक्स एसेट्स से ज्यादा लाइबिलिटी है।

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