Published On : Thu, Oct 11th, 2018

दान दुर्गति का नाश कराता है-आचार्य गुप्तिनंदीजी

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नागपुर: आज विधान के दूसरे दिन वर्धमाननगर संभवनाथ चौक स्थित हार्दिक लॉन मे प्रातः छह बजे से पाँच पाँडुक शिला पर श्री जिनेन्द्र भगवान का भव्य पँचामृत अभिषेक व महाशांतिधारा प्रज्ञायोगी आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव, आर्यिकाश्री आस्थाश्री माताजी के मंगल वाणी से प्रारंभ हुई।इससे पूर्व सांगली से आये प्रसिद्ध प्रतिष्ठाचार्य पंडित दीपक उपाध्ये ने सभी इंद्रों का सकलीकरण, दश दिग्पाल आव्हान, भूमि शुद्धि, संध्या वंदन आदि मांगलिक कार्यों को मंत्रोच्चार पूर्वक संपन्न किया। मनोज एण्ड म्युजिकल ग्रुप की संगीत लहरियों ने समा बांधा।

आज के सौधर्म इन्द्र मंदिर कमेटी व चातुर्मास समिति के सल्लागार प्रसिद्ध वास्तुशिल्पकार नारायणराव एवं वर्षा पलसापुरे रहे।धनपति कुबेर इंद्र नीलिमा एवं दिलीप उबाले,धर्म चक्रवर्ती इंद्र सौ ऋचा एवं रूपेश जैन सिवनी बने।वहीं सौ सुवर्णमाला एवं आनंदराव सवाने, सौ इंदिरा एवं राजेन्द्र सिंघवी, सौ शोभा एवं सुरेश अवथनकर, सौ जयश्री रविंद्र शिवणकर ने यज्ञनायक बनकर संपूर्ण विधि विधान को संपन्न किया।

उनके साथ नागपुर शहर के हजारों इंद्र-इंद्राणियों ने भक्ति से विधान का आनंद लिया।सभा को संबोधित करते हुए कविहृदय आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव ने कहा कि समय, सत्ता, संपत्ति और शरीर चाहे आपका साथ दे या नहीं दे पर स्वभाव, समझदारी, और सच्चरित्र सदा साथ देते हैं।सहयोग करते हुए हाथ, सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव, और सत्य से जुड़ी हुई जीभ हमें ईश्वर तक ले जाती है बल्कि ये तीन अच्छाईयाँ ही आपको ईश्वर बनाती है।

आप स्वर्ग के सपने और नरक का डर छोड़ दो, अपनी वजह से किसी का दिल ना दुःखे इतना ही बडा कार्य करो बाकी सब कुदरत पर छोड़ दो।दुनियां में सबसे तेज रफ्तार दुआओं की होती है जो जुबान पर पहुँचने से पहले ईश्वर तक पहुँच जाती है।हमेशा ध्यान रखें निंदा से घबराकर कभी अपने सही लक्ष्य को नहीं छोडें क्योंकि लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की राय बदल जाती है।अच्छे कार्यों को कल के भरोसे नहीं छोडे।

उम्र बिना रुके सफर कर रही है और हम ख्वाहिशें लेकर वहीं खडें हैं।याद रखें खुद की फिक्र अक्सर तनाव देती है।दूसरे की फिक्र में कुछ अच्छा करके देखिये बडा सुकून मिलेगा।शाम को आज के प्रमुख इंद्रों द्वारा मंडल विधान की महाआरती की गई वहीं समाज के सैकड़ों युवाओं ने श्री गणधर वलय विधान मंत्र का जाप्यानुष्ठान संपन्न किया।चातुर्मास समिति के द्वारा सभी प्रमुख पात्रों का सम्मान किया गया।रात के रंगारंग कार्यक्रम से आज का विधान संपन्न हुआ। गुरुवार को विधान सुबह 6 बजे से प्रारंभ होगा.