बुलढाणा। हाल ही में अहमदनगर ज़िले के सोनई, खर्डा व जवखेड़ जैसे गावों में दलितों (बौद्ध) पर हुए अत्याचार व हत्याकांड के निषेद्धार्थ निले वादल के संस्थापक अध्यक्ष अशांत वानखेड़े के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने तीव्र आंदोलन किया गया.
आंदोलन के दौरान बताया गया कि अग्रणी व संपन्न महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से दलितों पर हमले हो हैं. इसमें अहमदनगर सबसे आगे है. ज़िले के सोनई, खर्डा व जवखेड़ (खालसा) व पारनेर तालुकाओं में हुए दलित हत्याकांड मानवता को कलंकित कर रही हैं.
आगे बताया गया है कि कुछ दिनों पहले जावखेड़ में एक ही परिवार 3 लोगों टुकड़े-टुकड़े कर निर्दयता से मौत के घाट उतार दिया गया. उसके बावजूद स्थानीय पुलिस-प्रशासन की उदासीनता नागवार गुजरी। इस हत्याकाण्ड के गुनहगारों के नहीं पकड़े जाने से अब अन्य दलितों में असुरक्षा की भावना घर कर गई है. प्रशासन के इस रवैये का संगठन निषेध करता है और उन तमाम अपराधियों को शीघ्रताशीघ्र पकड़ने की मांग करता है.
जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आन्दोलनरत संगठन के अशोक दाडतडे, लालजी इंगले, राजनीतै क्षीरसागर, राजेंद्र पवार, मोहन खराटे, दिलीप इंग्ले, तुळशीराम वाघ, सिद्धार्थ पैठणे, वनिता देबाजे, अनिल खराटे, संतोष मेढ़े, विनोद झांके, मनोज झांके, दीपक मेश्राम, गणेश कलासे, सुरेन्द्र इंग्ले के साथ अनेक पदाधिकारी व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.
