Published On : Fri, Sep 3rd, 2021
nagpurhindinews | By Nagpur Today Nagpur News

सी.एस.आर.नियमों को ताक पर रखकर करोडों की चपत

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– खापरखेडा पावर प्लांट का दिवाला निकला,पत्रपरिषद में भूतपूर्व सरपंच रामटेके का आरोप

नागपुर: महानिर्मिती थर्मल पावर प्लांट खापरखेडा मे विधुत सुव्यवस्था और नूतनीकरण ई-टेंडरिंग ठेका कार्यों में शासन के सी.एस.आर. के नियम शर्तों का उलंघन के चलते महानिर्मिती का दिवाला निकल रहा है।खापरखेडा के भूतपूर्व सरपंच और स्थानीय कॉन्ट्रैक्ट कल्याण एसोशियेशन के अध्यक्ष अशोक रामटेके ने पत्रकार परिषद में बताया कि महानिर्मिती मुख्यालय और उर्जा मंत्रालय को प्रस्तुत शिकायत मे इसका भंडाफोड़ हुआ है कि इस पावर प्लांट मे कार्यरत तत्कालीन मुख्य अभियंता मधुकरराव शेलारे,से लेकर C.E.प्रकाश खंडारे तक सभी ने अधिकारियों ने अपनी चहेती फर्म को लाभ पंहुचाने के लिए नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाई है। उधर उक्त दोषी मुख्य अभियंताओं के करीबी सूत्रों की मानें तो तत्कालीन विधुत मुख्यालय के संचालक व एम डी के दिशा-निर्देशों परही वढा-चढाकर स्टीमेट तैयार किया गया था।उनका कहना है कि यदि सी एस आर रेट पर स्टीमेट बनाया गया तो बिजली के दाम ५० प्रतिशत कम हो सकता है।

बिजली के दाम बढने का मुख्य कारण है भ्रष्ट्राचार
भूतपूर्व सरपंच श्री रामटेके ने आगे बताया कि खापरखेडा पावर प्लांट के इलेक्ट्रिक मेन्टनैंश आफ प्लांट लाइटिंग एण्ड कालोनी स्ट्रीटलाईटिंग केबल लाईन नूतनीकरण कार्यों के लिए सी.एस. आर.नियम और शर्तों को तक पर रखकर स्टीमेट मे 600 गुणा अधिक रेट-भाव दर्ज किया जाना कानूनी अपराध है ? उक्त मामले की सीआईडी द्धारा निष्पक्ष और सूक्ष्म जांच-पड़ताल की मांग की गई हैं। उन्होंने आगे बताया कि तत्कालीन C.E. मधुकर शेलार,C.E. उमाकांत निखारे, CE रविन्द्र गोहने,C.E.सीताराम जाधव,C.E. राजेश पाटील और C.E. प्रकाश खंडारे आदि पर आर्थिक अपराध का जुर्म दर्ज करके उन्हें सेंट्रल जेल की सजा भेजा जाना चाहिए। उन्होंने दोषी अधिकारियों की चल व अचल संपत्ति भी जप्त करने की मांग की है। उन्होंने तत्कालीन उप मुख्य अभियंताओं और अधीक्षक अभियंताओं पर भी कार्यवाई की मांग दोहराई है? क्योंकि उक्त अधिकारियों ने शेक्शन इंचार्ज(E.E.) को जबरन दबाव डालकर सी.एस.आर.की नियम-शर्तों का उलंघन करने के लिए मजबूर किया है ?

कांग्रेस नेता और भूतपूर्व सरपंच अशोक रामटेके के मुताबिक वे जल्द ही स्थानीय प्रतिस्पर्धी फर्म नियोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए हाई कोर्ट में वे जन-हित याचिका दायर करेंगे। इस संदर्भ मे योग्य अनुभव कुशल विधि- न्याय विशेषज्ञ (अधिवक्ताओं) से विचार-विमर्श शुरु है। न्याय विशेषज्ञों की माने तो उक्त मामले की जांच के लिए कोर्ट से राज्य गुप्तचर विभाग(CID) य N.T.P.C.के विधुत अभियांत्रिकी विशेषज्ञों द्वारा संपूर्ण जांच-पड़ताल की मांग किया जा सकता है। भूतपूर्व सरपंच श्री रामटेके के मुताबिक उक्त मामले में लिप्त महानिर्मिती मुख्यालय के आला अधिकारी संचालक,कार्यकारी संचालक,वित्त संचालक तथा मैनेजिंग डायरेक्टरों पर भी कार्यवाई की मांग की गई है।

उनका मानना है कि इस संबंध में खापरखेडा पावर प्लांट के तत्कालीन तथा वर्तमान वित्तीय अधिकारी तथा अंकेक्षण अधिकारियों ने सी.एस.आर.दर उलंघन मामले मे आपत्तियां दर्ज क्यों नहीं की यह भी जांच-पडताल और कार्रवाई का विषय है। पत्रकार परिषद में वी एल पाल,नानाभाऊ बांगडकर,सौरभ दाडे,वसंत ढोने,स्वपनील सवालाखे,सुधीर मांडोकर,राजेश ढगे,नागेश कुमरे,आदि उपस्थित थे.