Published On : Sat, Jan 5th, 2019

कुख्यात क्रिकेट सट्टेबाज भाटिया फिर सक्रीय

वित्त मंत्रालय और पुलिस महकमा कर रहा नज़रअंदाज

नागपुर – क्रिकेट सट्टा बाजार और भाटिया किसी परिचय के मोहताज नहीं है सिवा पुलिस और वित्त मंत्रालय के शेष सभी इन्हें बखूबी पहचानते हैं. पिछली बार गिरफ्त में आया था लेकिन संबंधितों ने खुद को बचाने के लिए भाटिया को बचा लिया.

Advertisement

याद रहे कि अब फिर एक बार भाटिया सट्टे की दुनिया में मजबूती से उतरने के लिए ठोस उपाययोजना करने में लगा हुआ है. नागपुर में उसके करीबी और भरोसेमंद युवाओं को अपना सट्टे का कारोबार संभालने के लिए विदेशों और खाड़ी देशों के प्रसिद्द शहरों में भेजने के लिए तैयार कर रहा है. जिसके लिए चयनित युवाओं के परिजनों को भाटिया और उसका परिवार मुंहमांगी रकम संग सुरक्षित होने का आश्वासन दे रहा है. साथ ही यह भी वादा कर रहा कि जाने वाले बंदों को सिर्फ २ साल के लिए उनसे करार करना होगा जिसके बाद उन्हें ‘ शानो-शौकत’ की जिंदगी जीने का अवसर देने की भी गारंटी दे रहा है.

क्रिकेट सट्टे की दुनिया में छोटू, रम्मू और भाटिया बड़े नाम हैं. इसके बाद मालू, बजाज आदि का नाम आता है. बजाज सालों पहले विदेश पलायन कर चुका है.

यह भाटिया वहीं शख्स है जो पिछले दिनों अपने धंधे के लाभार्थियों का नाम उजागर करने वाला था. जिसमें पुलिस व आधा दर्जन प्रमुख समाचार पत्रों के वरिष्ठ पत्रकारों का उल्लेख था. लेकिन सभी संबंधितों ने अपने ऊपर होने वाली कार्रवाई से खुद को बचते हुए सर्वप्रथम भाटिया को बचाया. जिसके कारण ही भाटिया ने अपना मुंह नहीं खोला.

भाटिया दरअसल एक पुराना ठग है जो झांसा देने में माहिर है. इसके शिकार उत्तर नागपुर में हज़ारों में हैं. ९० के दशक में यह बड़ा जुआरी था. कॉलेज में पढ़नेवाले ऐसे अमीर विद्यार्थियों जिन्हें रंगरेलियों का शौक होता भाटिया उन्हें रंगीन दुनिया दिखाता था. फिर बड़ी ठगी के मकसद से उन पर या जरूरत पड़ने पर नगदी मदद भी किया करता था. फिर इन्हें जुए का शौक लगवाना और जुए खेलने के लिए राशि उपलब्ध करवाना उसके रणनीति का एक हिस्सा रहा करता था. बाद में विश्वास जीतने के बाद समय आने पर बड़ी राशि की मांग कर पलटी मार जाना भाटिया की फ़ितरत थी. इस चक्कर में भाटिया की एक युवकों के समूह ने इंदोरा चौक से कमाल चौक के बीच अगवा कर भंडारा रोड के खेत में चारपाई से बांध अच्छी खासी धुलाई भी की थी.

ठगी का दूसरा उदहारण यह है कि इसने रेलवे स्थित साईं मंदिर परिसर पर कब्ज़ा कर लिया. अपने पाप को छुपाने के लिए गुरुवार को भोजन दान और मुफ्त में शिर्डी दर्शन वर्षों से करवा रहा है. उल्लेखनीय यह है कि इसकी सभी आम नागरिकों को पल पल की खबर है. इससे जुड़े शहर के युवावर्ग क्रिकेट सट्टे के धंधे में जुड़े और आज रंक से राजा हो गए. लेकिन विडम्बना यह है कि सिर्फ पुलिस महकमें और केंद्रीय वित्त मंत्रालय ‘ईडी’ को यह नजर नहीं आ रहा.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement