नागपुर. साइकिल पोलो फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से 29 सितंबर 2024 को एक आदेश जारी किया गया. जिसके अनुसार नागपुर स्थित अखिल महा साइकिल पोलो एसोसिएशन की मान्यता वापस ले ली गई. साइकिल पोलो फेडरेशन आफ इंडिया से संबद्धता समाप्त होने के इस आदेश को चुनौती देते हुए अखिल महा साइकलि पोलो एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. गत समय हाई कोर्ट ने फेडरेशन की संलग्नता अगली सुनवाई तक जारी रखने के आदेश केंद्रीय युवा व खेल मंत्रालय सचिव को दिए थे. अब हाई कोर्ट ने 2 सप्ताह तक के लिए राहत बढ़ा दी है. विशेषत: 31 मार्च को संलग्नता खत्म होने जा रही थी.
कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के लिए गत समय कोर्ट ने फेडरेशन के अध्यक्ष को न केवल व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित रहने को कहा था, बल्की कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. जिसमें उनके खिलाफ अवमानना के आरोप क्यों ना लगाए जाए, इसका जवाब दायर करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया था कि अध्यक्ष ने 3 दिसंबर 2024 के आदेश के निहित निर्देशों के विपरित काम किया है.
याचिकाकर्ता की ओर से दायर अर्जी में बताया गया कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजद फेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष ने नोटिस जारी कर न केवल याचिकाकर्ता की मान्यता रद्द कर दी, बल्की महा साइकल पोलो एसो. को मान्यता भी प्रदान की. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि भले ही नोटिस जारी कर मान्यता प्रदान की हो, लेकिन उसे पंजीकृत नहीं किया गया था. ऐसे में फेडरेशन को चाहिए था कि सर्वप्रथम याचिकाकर्ता की रद्द की गई मान्यता और महा साइकिल पोलो एसो को दी मान्यता का मसला हल किया जाए.
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 2025 से लेकर 2028 तक की अवधि के लिए साइकिल पोलो फेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष की ओर से 23 फरवरी 2025 को चुनाव की घोषणा कर दी गई है. जिसकी मतदाता सूची में महा साइकिल पोलो एसोसिएशन को बतौर एक सदस्य भी दर्शाया गया है. इस स्थिति से फेडरेशन ने इंकार भी नहीं किया है. दोनों पक्षों की दलिलों के बाद हाई कोर्ट ने चुनाव पर अगले आदेश तक रोक लगा दी.