Published On : Tue, Jul 28th, 2020

कोरोना की मार : आर्थिक संकट की वजह से 80 लाख लोगों ने पीेएफ से निकाले 30 हजार करोड़ रुपये

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नागपुर– ईपीएफओ के मुताबिक कोविड विंडो के जरिये कम से कम 30 लाख सब्सक्राइवर्स ने 8 हजार करोड़ रुपये निकाले, जबकि अन्य पचास लाख सब्सक्राइवर्स ने जनरल नियम के तहत 22 हजार करोड़ रुपये निकाले.

कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक संकट में फंसे कर्मचारियों ने अप्रैल से जुलाई के बीच अपने पीएफ से 30 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए. पीएफ में योगदान करने वाले 80 लाख सब्सक्राइवर्स ने इस दौरान अपने रिटायरमेंट बेनिफिट में हाथ डाला और 30 हजार करोड़ रुपये निकाले. इतनी बड़ी राशि निकालने से ईपीएफओ की कमाई भी कम हो जाएगी. इससे आने वाले वर्षों में पीएफ की ब्याज दर में भी कटौती करनी पड़ सकती है.

कोविड विंडो के जरिये निकाले गए 8 हजार करोड़ रुपये
ईपीएफओ के मुताबिक कोविड विंडो के जरिये कम से कम 30 लाख सब्सक्राइवर्स ने 8 हजार करोड़ रुपये निकाले, जबकि अन्य पचास लाख सब्सक्राइवर्स ने जनरल नियम के तहत 22 हजार करोड़ रुपये निकाले. ज्यादातर पैसा मेडिकल एडवांस के तौर पर निकाला गया. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने कोविड विंडो से पीएफ से पैसे निकाले की सुविधा दी थी. ईपीएफओ के फाइनेंस इनवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी ने बड़े पैमाने पर इस निकासी का असर अभी पता नहीं चल सका है. लेकिन कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते जाने की वजह से आर्थिक संकट भी बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों का अपने पीएफ से पैसा निकालना बढ़ गया है. ईपीएफओ का मानना है कि अगले कुछ दिनों में पीएफ से पैसा निकालने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ कर एक करोड़ तक पहुंच सकती है.

सरकार ने दी थी पीएफ से पैसे निकालने की छूट
ईपीएफओ ने ईपीएफ स्कीम-1952 में बदलाव करते हुए कहा था कि कर्मचारी अपने खाते में जमा रकम का 75 फीसदी या तीन महीने के वेतन के बराबर रकम निकाल सकते हैं. इस रकम का इस्तेमाल कर्मचारी अपनी जरूरतों के लिए कर सकते हैं और इसे फिर से जमा करने की जरूरत नहीं होगी.ईपीएफओ दस लाख करोड़ रुपये के पीएफ फंड का प्रबंधन करता है.

इसमें वेतन पाने वाले छह करोड़ कर्मचारियों और उनके नियोक्ता अनिवार्य योगदान करते हैं. ईपीएफओ का कहना कि कोरोना संक्रमण के दौरान इतनी बड़ी तादाद में पीएफ से पैसा निकालने की वजह से इसकी कमाई को भारी झटका लग सकता है.