नागपुर – आरक्षित भूमि पर समयबद्ध अधिसूचना जारी न करने के कारण महाराष्ट्र हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता और अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता अशोक ठाकुर द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया।
हाई कोर्ट ने 17 मार्च 2025 को आदेश जारी कर राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि चंद्रपुर जिले के दाताला गांव की आरक्षित भूमि के संबंध में चार सप्ताह के भीतर अधिसूचना प्रकाशित की जाए। लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ, जिसके चलते याचिकाकर्ता को अवमानना याचिका दाखिल करनी पड़ी।
सरकार ने प्रस्ताव पर नहीं लिया निर्णय
हाई कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में स्पष्ट किया था कि यह विवादित नहीं है कि चंद्रपुर जिले के दाताला गांव की सर्वेक्षण संख्या 215/1/43 की 51.65.97 हेक्टेयर भूमि 1 सितंबर 1998 की क्षेत्रीय विकास योजना के अनुसार अस्पताल और सब्जी बाजार के लिए आरक्षित की गई थी।
इस भूमि के अधिग्रहण हेतु प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके परिणामस्वरूप 31 दिसंबर 2020 को महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम, 1966 की धारा 127 के तहत प्रशासन को नोटिस जारी किया गया, जिसे प्रशासन ने अस्वीकार नहीं किया।
नोटिस मिलने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सरकारी वकील ने कोर्ट में दलील दी कि धनराशि की स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
हाई कोर्ट की सख्ती
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि नोटिस की वैधता समाप्त हो चुकी है, अब यह घोषित करना आवश्यक है कि संबंधित संपत्ति पर विकास योजना के अंतर्गत आरक्षण क्रमांक 146 और 147 समाप्त माने जाएंगे।
राज्य सरकार को चार सप्ताह में अधिसूचना प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वह आदेश पालन में विफल रही।
इस अवहेलना को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।