नागपुर: अंबाझरी तालाब के ओवरफ्लो पॉइंट पर बने विवेकानंद स्मारक पर सवाल उठाए जा रहे है। इन सवालों का ज़वाब देते हुए तत्कालीन स्थाई समिति अध्यक्ष दयाशंकर तिवारी ने स्मारक का निर्माण नियम के साथ होने की बात कही है। तिवारी का कहना है की तालाब की सुरक्षा के सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए स्मारक का निर्माण कराया गया। स्मारक के निर्माण के लिए आवश्यक विभागों की इजाज़त भी ली गयी है। वन और पर्यावरण मंत्रालय की इजाज़त लेना आवश्यक नहीं था राज्य सरकार ने स्मारक निर्माण को मान्यता दी।
किसी भी पुतले के निर्माण के लिए सार्वजनिक बांधकाम विभाग की मंजूरी आवश्यक है और इसी विभाग के मार्गदर्शन में यह कार्य किया गया। स्मारक निर्माण के लिए हैरिटेज कमिटी की अनुमति आवश्यक थी जो मनपा ने ली थी। तालाब के ओवरफ्लो पॉइंट को नाग नदी का उद्गगम स्थल माना जाता है इसीलिए नदी के पानी के प्राकृतिक बहाव से बिना छेड़छाड इसका निर्माण किया गया है।
तिवारी के अनुसार सार्वजनिक गंदगी वाले स्थान के सुंदर बनाने का काम इस स्मारक के माध्यम से हुआ है। फिर भी अगर कोई इस कार्य पर सवाल उठाते हुए अदालत जाता है तो मनपा वहाँ भी अपना पक्ष रखेंगी। गौरतलब हो कि तालाब के किनारे नागपुर मेट्रो के निर्माण कार्य के लिए मनपा द्वारा डैम सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन से सुझाव माँगा गया था। जिसके बाद फरवरी 2017 में डीएसओ ने अपनी जो सर्वे रिपोर्ट मनपा को सौपी थी उसमे स्मारक की वजह से तालाब को खतरा होने की बात कहीं गयी है।