नागपुर: छावनी स्थित पुलिस चौकी के पीछे वर्षों पूर्व निर्मित सार्वजानिक शौचालय था. जिसको ढहाने के बाद उसकी आधी जगह पर एक प्रभावी स्थानीय नागरिक ने कब्ज़ा कर पक्का निर्माणकार्य कर लिया. क्यूंकि यह मंगलवारी जोन कार्यालय के दूसरी ओर किया गया फिर जोन प्रशासन की चुप्पी से भ्रस्टाचार की बू आ रही है.
नागपुर महानगरपालिका की मंगलवारी ज़ोन कार्यालय छावनी-न्यू कॉलोनी और नई बस्ती आदि इलाके से सटी है. जोन कार्यालय से न्यू कॉलोनी की ओर जाने वाले मार्ग पर याने जोन कार्यालय के निकट सड़क के उस पार अंग्रेजों के ज़माने का सार्वजानिक शौचालय था. जिसका इस्तेमाल स्थानीय नागरिक आदि किया करते थे. कुछ वर्ष पूर्व उसके जीर्ण हो जाने के कारण उसे ढहा दिया गया और उसकी जगह समतल कर आसपास के इलाकों से कचरा संकलन कर इस जगह को ‘मिनी डंपिंग यार्ड’ का रूप दे दिया गया था.
स्थानीय नागरिकों के अनुसार इसी मिनी डम्पिंग यार्ड के आधे हिस्से पर कुछ वक़्त पहले किसी स्थानीय नागरिक ने कब्ज़ा कर पक्का निर्माणकार्य कर लिया। वैसे इस बांधकाम के मुख्य द्वार पर ताला जड़ा दिखा लेकिन इस बांधकाम में बिजली, पानी के अधिकृत कनेक्शन होने की जानकारी स्थानीय नागरिकों ने दी.
इस मामले की जानकारी मंगलवारी ज़ोन के अमूमन सम्बन्धी विभागों के सभी कर्मियों और अधिकारी को है. लेकिन आधा दर्जन कर्मियों से इस सम्बन्ध में जानकारी मांगने पर वे न सिर्फ टाल गए बल्कि मामला को रफादफा करने की कोशिश भी की. आज इस मामले को लेकर मंगलवारी ज़ोन के वार्ड अधिकारी हरीश राऊत से संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
अनुदान का नाजायज खर्च
मंगलवारी जोन अंतर्गत वॉक्स कूलर फैक्ट्री के पीछे वर्ष २००८ से अवैध बस्ती बसाई गई.इस बस्ती को बसाने वाले ने सभी घरों में शौचालय के निर्माण की अनिवार्यता की थी. इसके बावजूद ज़ोन प्रशासन ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत मिली निधि से इस परिसर में २ सार्कजनिक शौचालय का निर्माण कर अभियान के मकसद को ठेस पहुंचाई. इतना ही नहीं इन २ सार्वजानिक शौचालय के लिए आपूर्ति की गई मुफ्त पानी का भी दुरुपयोग हो रहा है. इसका नज़ारा रोजाना सुबह ६ से ८ देखने को मिल सकता है.
उल्लेखनीय यह है कि मनपा आज वाकई कड़की में है लेकिन मनपा संपत्ति के मामले में धनिक मनपाओ में से एक है. लेकिन मनपा प्रशासन की लापरवाही से मनपा की सम्पत्तियों पर अतिक्रमण होता जा रहा है. इसके लिए मनपा नगर रचना विभाग, स्थावर विभाग के पूर्व व वर्तमान अधिकारी अतिक्रमणकारियों के सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं. इसलिए प्रशासन ने अति शीघ्र मनपा सम्पत्तियों का अंकेक्षण करना चाहिए, अन्यथा मनपा प्रशासन के पास कागजों पर ही सम्पत्तियां नज़र आएंगी.