५१५ अवैध निर्माणकार्यों को ढहाने से बचाने की जोड़ तोड़ शुरू
नागपुर: नागपुर शहर की सड़कों पर बड़े पैमाने में अवैध निर्माणकार्य हैं. इनमें रहवासी, व्यवसायिक स्तर की इमारत और मकान शामिल हैं. ऐसे निर्माणकार्यों को ढहाने की सिफारिश किए जाने के बाद भी पिछले २ साल से इन अनाधिकृत निर्माणकार्यों बचाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए जोन के वार्ड अधिकारी, उपअभियंता और सहायक अभियंता लगे हुए हैं. इस मामले में गांधीबाग ज़ोन सबसे आगे है.
एक ओर ज़ोन द्वारा फुटपाथ पर रोजी रोटी कमाने रोजाना बैठने वालों पर कड़क कार्रवाई कर ५००० रुपए प्रति दिन जुर्माने का नोटिस थमाया जा रहा है. तो वहीं दूसरी ओर बड़े व्यवसायियों द्वारा फुटपाथ-सड़क पर स्थाई/अस्थाई अतिक्रमण को नज़रअंदाज किया जाना समझ से परे है. इस सन्दर्भ में कुछ माह पूर्व आमसभा के दौरान पूर्व महापौर प्रवीण दटके ने सवाल खड़ा किया था कि कितने अवैध निर्माणकार्य ढहाने के लिए प्रस्ताव्त हैं. जिस पर प्रशासन ने जानकारी दी थी कि सम्बंधित मामलों की फेरहिस्त ५०० के ऊपर है. दटके ने फिर उप प्रश्न किया कि ढहाने की कार्रवाई में देरी क्यों? इस सवाल का जवाब देने को प्रशासन टाल गया.
उल्लेखनीय यह है कि शहर के प्रमुख बाजार इलाकों में अवैध निर्माण कार्य है. जिस पर कार्रवाई करने के बजाय स्थानीय ज़ोन के सम्बंधित अधिकारी और सफेदपोश उगाही में मदमस्त हैं. ऐसी भी हालात देखी गई है कि अवैध निर्माणकार्य वाली इमारत में रत्ती भर जगह तो छोड़ी नहीं गई. ऐसे में आपातकाल के दौराम अनहोनी घटने की संभावनाएं बढेंगी.
उल्लेखनीय यह हैं कि मनपा अंतर्गत ज़ोन कार्यालय ने अपने कार्य क्षेत्र अंतर्गत ५१५ अवैध व अनाधिकृत निर्माण, अतिक्रमण की सूची तैयार कर मनपा प्रशासन व अतिक्रमण विभाग को भेजी है. इसके अलावा जिन-जिन से अवैध, अनाधिकृत निर्माणकार्य और अतिक्रमण के एवज में लाभ हो रहा, ऐसे अवैध अतिक्रमण को संरक्षण दिया जा रहा है.
उक्त सूची में से सिर्फ लगभग डेढ़ दर्जन पर कार्रवाई हुई है. मंगलवारी ज़ोन के इर्द-गिर्द अतिक्रमण को ज़ोन के सहायक अभियंता,वार्ड अधिकारी शह दे रहे हैं. जिसकी ओर पर पूर्व पार्षद ने ध्यानाकर्षण करवाया था. लक्ष्मी नगर जोन के ३,धरमपेठ ज़ोन के ११९,हनुमान नगर ज़ोन के ३२,धंतोली जोन के ७,नेहरू नगर जोन के ३,गांधीबाग ज़ोन के ७७,सतरंजीपुरा ज़ोन के १२०,लकड़गंज ज़ोन के १७,आशीनगर जोन के ५ और मंगलवारी ज़ोन के ११७ पर कार्रवाई होनी बाकी है.
यह भी कड़वा सत्य है कि अतिक्रमण विभाग में तैनात कर्मी सह पुलिस को कार्रवाई करने और न करने की कीमतें मिलनी शुरू हो गई हैं. इस विभाग के तहत जीर्ण इमारत ढहाने का जिम्मा एक व्यवसाय बन चुका है. विभाग के समक्ष आए प्रस्तावों पर कार्रवाई शुरू हुई तो शहर में अवैध,अनाधिकृत निर्माणकार्य पर लगाम लग सकता है.