Published On : Fri, Nov 15th, 2019

पार्टी में विरोध के बावजूद भाजपा को रोकने शिवसेना के साथ सरकार बनाएगी कांग्रेस

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नागपुर– शिवसेना और एनसीपी की सरकार को समर्थन देने के फैसले पर अलग-अलग जगहों से सवाल झेल रही कांग्रेस को खुद अपनी पार्टी के अंदर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. जहां महाराष्ट्र से आने वाले वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने एबीपी न्यूज से एक्लूसिव बातचीत में शिवसेना के साथ सरकार बनाने के कांग्रेस के फैसले का मुखर होकर विरोध किया. वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी पार्टी को शिवसेना के साथ नहीं जाने की हिदायत दी है.

इन नेताओं का तर्क है कि वो शिवसेना जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ और कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करती रही और महाराष्ट्र में दुसरे राज्यों से आने वाले लोगों के खिलाफ मुहिम छेड़ती रही है. उस पार्टी के साथ जाना कांग्रेस के लिए राजनीतिक तौर पर आत्मघाती हो सकता है. यही नहीं पार्टी की केरल इकाई ने भी एक समय शिवसेना द्वारा चलाए गए अभियान “पुंगी बजाओ, लुंगी भगाओ” की याद दिलाते हुए कांग्रेस को शिवसेना के साथ नहीं जाने की मांग की थी.

लेकिन इन सब विरोध के बावजूद कांग्रेस आलाकमान ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने का फैसला किया है. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक पार्टी का मुख्य उद्देश्य बीजेपी को रोकना है. वहीं खबरें ये भी हैं कि कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से राय ली जिसमें कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों कहना है कि बीजेपी को रोकने के लिए शिवसेना से भी कुछ शर्तों के आधार पर हाथ मिलाना हो तो मिलाना चाहिए.

लिहाजा कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक तमाम विरोध के बावजूद बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के मकसद से कांग्रेस ने एनसीपी के साथ शिवसेना को समर्थन देने का फैसला किया है और अब इंतजार है तो बस एनसीपी और शिवसेना के बीच शर्तें और न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय हो जाने का. आपको बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान भी चाहे अमेरिका से न्यूक्लियर डील का मामला, महंगाई का मामला हो या फिर कुछ और कांग्रेस और वाम दल उस दौरान शिवसेना से अपनी नीतियां बदलकर उनके साथ आने की अक्सर अपील किया करते थे.