Published On : Fri, Nov 15th, 2019

न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चलेगी त्रिपक्षीय गठबंधन सरकार

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– शिवसेना का ही सीएम,एनसीपी का उपमुख्यमंत्री,कांग्रेस का विधानसभाध्यक्ष

नागपुर/मुंबई : महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को 161 सीटों पर कामयाबी मिली थी लेकिन मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के अड़े रहने के बाद दोनों पार्टियों की दोस्ती टूट गई थी। एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुई हैं।

अब महाराष्ट्र में राजनीतिक अनिश्चितता के बादल छंटने के आसार नजर आ रहे हैं। न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सहमति बनती दिख रही है। इसके ड्राफ्ट पर तीनों पार्टियों के आलाकमान की मुहर लगने के बाद सरकार गठन का रास्ता साफ होने की उम्मीद है। यह तय हैं कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के पास रहने पर भी एनसीपी और कांग्रेस मान गई हैं।

‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चलेगी सरकार’
तय रणनीत के अनुसार मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। शिवसेना के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। यह त्रिपक्षीय गठबंधन सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चलेगी। न्यूनतम साझा कार्यक्रम महाराष्ट्र के हित में है और सभी को हर कदम पर साथ लेकर चलना ही मज़बूरी होंगी।

सेना अब खुल कर रही कांग्रेस की तारीफ
सेना ने कांग्रेस की तारीफ की,कहा कि देश की आजादी और महाराष्ट्र के निर्माण में कांग्रेस का योगदान रहा है। क्यूंकि इंदिरा गांधी की पहल पर कामगार सेना को शिवसेना पक्ष बनने का अवसर मिला था,क्यूंकि गांधी नहीं चाहती थी कि महाराष्ट्र/मुंबई में कॉम्युनिष्ट पनपे।

शिवसेना का स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी
एनसीपी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री पद के लिए ही शिवसेना बीजेपी से अलग हुई है। इसलिए उनका स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।’ अगर कांग्रेस सरकार में शामिल होती हैं तो उन्हें विधानसभाध्यक्ष सह अन्य मंत्रालय भी दिए जायेंगे।

सरकार गठन का संभावित फॉर्म्युला
सरकार गठन के फॉर्म्युले के तहत शिवसेना कोटे से 16 , एनसीपी कोटे से 14 और कांग्रेस कोटे से 12 कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस को दिया जा सकता है, वहीं विधानसभा का उपाध्यक्ष पद शिवसेना के हिस्से में जा सकती है। विधान परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद एनसीपी और शिवसेना के खाते में जा सकता है।

न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति
न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर तैयार मसौदे को सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के पास भेजा गया है। शरद पवार इस मसौदे का अध्ययन कर सोनिया गांधी से प्रत्यक्ष मुलाकात करेंगे, सोनिया गांधी की मंजूरी मिलते ही राज्य में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार बनेगी।

तीनों पार्टियों के वादे ड्राफ्ट में शामिल
न्यूनतम साझा कार्यक्रम के ड्राफ्ट में तीनों पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल मुद्दों को लिया गया है। इसमें किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारी और महंगाई से निपटने के उपाय, छात्रों की समस्याओं को हल करने को महत्व दिया गया है। वहीं, शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को 17 नवंबर को मुंबई में मौजूद रहने के लिए कहा है।

16 को सोनिया-पवार मुलाकात
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार 16 नवंबर को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।सबकुछ ठीकठाक रहा तो 17 से 20 नवंबर के बीच महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन का ऐलान हो सकता है।

पक्षीय विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए महामंडलो की नियुक्ति शीघ्र हो
राज्य में पहली बार सेना,एनसीपी व कांग्रेस की सरकार जल्द बनने वाली हैं.इस फेर में तीनों पक्षों के सिमित वरिष्ठ विधायकों को लाभ के पद मिलेंगे।इसलिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत राज्य के अस्तित्व में जितने भी महामंडल,बोर्ड आदि हैं,उनके सभी पदों पर नियुक्त तत्काल करने से प्रत्येक पक्ष के ५०-५० विधायक,कार्यकर्ताओं को खुश किया जा सकता हैं.लेकिन उक्त तीनों पक्ष ऐसा नहीं करेंगी और विधायक सह कार्यकर्ताओं में नाराजगी बात-बात पर अभी से ही पनपनी शुरू हो जाएंगी।