Published On : Wed, Mar 28th, 2018

बेरोजगारों के कांधों का इस्तेमाल कर गडकरी पर निशाना साधेगी कांग्रेस

Advertisement


नागपुर: नब्बे के दशक से लेकर आज तक युवकों और बेरोजगारों के लिए किसी भी सरकार ने न्याय नहीं किया। इस ओर ठोस उपययोजना करने व विदेश पलायन रोकने सहित भटकने से रोकने के बजाय उनके कांधों का सहारा लेकर राजनीत की जाती रही है। इसी क्रम में १ अप्रैल को प्रायोजित महामोर्चा का आयोजन कांग्रेस ने किया है। यह मोर्चा नागपुर विश्वविद्यालय से निकाला जाएगा जो यशवंत स्टेडियम में समाप्त होगा।

याद रहे कि कांग्रेस सरकार की तर्ज पर भाजपा के नागपुर शहर के सांसद नितिन गडकरी ने लोकसभा चुनाव लड़ते वक़्त बड़ी बड़ी घोषणाओं से ओत-प्रोत भाषण दिया था। इसी दौरान उन्होंने युवकों और बेरोजगारों को बड़ी संख्या में रोजगार – स्वयंरोजगार मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। ४ वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन उनके अधिकांश घोषणाएं ‘जुमला’ बन कर रह गईं हैं।

उधर कांग्रेस भी पिछले ४ वर्ष तक सोई रही। जब मात्र ११ माह अगले लोकसभा को शेष रह गए हैं, तो उन्हें भाजपा के नेताओं के घोषणाओं की याद सताने लगी। तो उन्होंने कमजोर नब्ज बेरोजगार-विद्यार्थी से जुड़े ज्वलंत मुद्दों का सहारा लेकर भाजपा पर नहीं बल्कि भाजपा सांसद पर निशाना साधने के लिए उनका दुरुपयोग करने जा रही है।

कांग्रेस इन दिनों पक्ष हित के बजाय गुटबाजी से जूझ रही है। पार्टी उत्थान के लिए कोई सक्रिय नहीं। जमीन स्तर के कार्यकर्ताओं का सैलाब खिसक चुका है। इसके बावजूद श्रेष्ठता साबित करने और आगामी चुनाव में उम्मीदवारी के लिए उक्त आंदोलन की योजना रची गई।
महामोर्चा के आयोजक भले ही युवक कांग्रेस और एनएसयूआई को बनाया गया हो लेकिन नेतृत्व कोई और कर सन्देश देना चाह रहा कि नागपुर ने सक्रिय कौन है और युवा वर्ग किसके पीछे है। योजनाकार इससे पहले या युवक कांग्रेस या एनएसयूआई ने कभी शहर या ग्रामीण के युवकों, बेरोजगारों के हितार्थ कोई आंदोलन कभी नहीं किया।

गडकरी ही क्यों, भाजपा की खिलाफत क्यों नहीं ?
भाजपा के सूत्रों के अनुसार स्थानीय भाजपा दो गुटों में विभक्त है। उक्त आयोजकों में से एक नेतृत्वकर्ता भाजपा के एक गुट का अनुयायी है। उनके ही इशारे पर दूसरे गुट के नेता को परेशान करने के लिए बेरोजगार युवकों का उपयोग किया जा रहा है। क्या कांग्रेस शहर-जिले के युवकों-बेरोजगारों को अप्रैल फूल तो बना नहीं रही।