नागपुर: विमुद्रीकरण से नयी आर्थिक संस्कृति का विकास हो रहा है। इससे आर्थिक परिवर्तन के साथ आर्थिक शुचिता और व्यवहार में पारदर्शिता भी आ रही है। विमुद्रीकरण से सांस्कृतिक बदलाव का नया दौर आया है और प्रगति का नया रास्ता बन रहा है। उक्त प्रतिपादन महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने किये। वे विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर डिजीटल भुगतान : उज्वल भविष्य की ओर एक क़दम विषय पर आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्षीय उदबोधन दे रहे थे। समता भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बैंक ऑफ इंडिया हिंदी विवि शाखा के प्रबंधक रणविजय कुमार, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अक्षय फडणवीस, स्टेट बँक वर्धा शाखा के प्रबंधक देवानंद तथा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिश्र मंचासीन थे।
कुलपति प्रो. मिश्र ने कहा कि विमुद्रीकरण भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी फैसला है। शुरू में इससे कुछ अड़चने पैदा हुई हैं परंतु यह कदम देश के आर्थिक विकास के लिए कामयाब सिद्ध हो रहा है। स्वामी विवेकानंद की भारत के विकास की दृष्टि को उल्लेखित करते हुए उन्होंने कहा कि विवेकानंद ने भारत की महिमा को पूरे विश्व में स्थापित किया। भारत युवाओं का देश है और भारत की सांस्कृतिक यात्रा को आगे बढ़ाने का दायित्व युवाओं पर निर्भर है।
इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया के रणविजय कुमार, अक्षय फडणवीस तथा देवानंद ने कैशलेस भुगतान को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि डिजीटल भुगतान एक आसान और सरल प्रक्रिया है। इसमें पारदर्शिता है। उन्होंने डिजीटल भुगतान से संबंधित विभिन्न योजनाएं, एप और सुविधाओं का जिक्र अपने वक्तव्य में किया। उपस्थितों के सवालों का समाधान भी बैंक के अधिकारियों ने किया। प्रारंभ में कुलपति प्रो. मिश्र ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा अतिथियों ने पुष्प अर्पण कर अभिवादन किया। कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिश्र ने किया।
कार्यक्रम में छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल कुमार राय, साहित्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. के. के. सिंह, अकादमिक संयोजक डॉ. शोभा पालीवाल, डॉ. अप्रमेय मिश्र, डॉ. आर. पी. यादव, डॉ. रामार्चन, डॉ. अरूण प्रताप सिंह, डॉ. शिव सिंह बघेल, वित्त विभाग के सहायक कुलसचिव ज्योतिष पायेंग, सुशील पखि़डे, संजय तिवारी, अतुल सोबती, स्थापना विभाग के बृजेश पाटिल सहित विभिन्न विभागों के कर्मी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।