संपत्ति कर संकलन में धांधली का आरोप लगाया नागरिकों ने
नागपुर: मनपा की कड़की दूर करने के लिए स्थाई समिति सभापति के साथ ही साथ मनपायुक्त काफी गंभीर हैं. वहीं वे इस क्रम में उठा-पटक ( हरसंभव प्रयास) करते भी दिखे, लेकिन दूसरी ओर संपत्ति कर विभाग सह मंगलवारी जोन प्रशासन उनके मेहनत पर पानी फेरने का कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
कुकरेजा ने बीते सप्ताह जानकारी दी थी कि संपत्ति कर से ५०० करोड़ की आय अपेक्षित है. आर्थिक वर्ष के शेष प्रत्येक दिन ४ करोड़ की आय पर जोर दिया जा रहा. उधर मनपा के मंगलवारी ज़ोन से सम्बंधित सूत्रों सह त्रस्त नागरिकों की माने तो म्युटेशन/नया कर चढ़ाने के नाम पर ४ से ५ आंकड़ों में अतिरिक्त मांग की जा रही.
विभाग के कामकाज से सम्बंधित दो अधिकारी-कर्मी के पासवर्ड खुले होने की जानकारी मिली है. तो एक अधिकारी के पासवर्ड की जगह हस्ताक्षर करने से व्यवहार शुरू है. एक अस्थाई निरीक्षक कुणाल के कार्यक्षेत्र में रहवासी क्षेत्र में पिछले एक दशक से अधिक समय से व्यवसायिक उपयोग चल रहा है. रहवासी क्षेत्र से ज्यादा अतिक्रमण कर गैरेज का संचलन किया जा रहा है. इस मामले में सम्पूर्ण परिसर का व्यवसायिक कर सह किए गए अतिक्रमण को मुक्त किए जाने के साथ ही उक्त अस्थाई निरीक्षक कुणाल के कार्यक्षेत्र के सभी सम्पत्तियों की पुनः जाँच कर दोषी पाए जाने पर सभी संबंधितों पर क़ानूनी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.
उल्लेखनीय यह है कि यही आलम रहा तो मनपा प्रशासन और स्थाई समिति सभापति के मंसूबे धरे के धरे रह जाएंगे. वैसे भी मनपा प्रशासन ने ‘रिवाइस बजट’ का काम पिछले सप्ताह से शुरू कर दिया है. आय की परिस्थिति देख बड़े पैमाने में स्थाई समिति के बजट में कटौती होने से रोका नहीं जा सकता. मनपा में इस वर्ष आर्थिक मंदी और डगमगाए मनपा के टेंडर लेने में सभी आनाकानी कर रहे हैं. टेंडर का ५ से ६ बार ‘कॉल’ आम हो चुका है. जिस भी टेंडर में एक भी ठेकेदार ने भाग लिया उसे ‘इस्टीमेट’ दर में आसानी से काम दिया जा रहा है.