Published On : Fri, Jun 18th, 2021

वेकोलि प्रबंधन व ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से हो रही कोयला चोरी

– कल शाम वेकोलि इंदर खदान से गोंडगांव कोल वाशरी जाने के लिए निकली ट्रक पारडी में खाली हुई और 9.19 बजे रात डुमरी अन्नामोड़ पर धरी गई,चालक,मालक भाग खड़े हुए,अधिकृत ठेकेदार लोढ़ा इंटरप्राइजेज की शिकायत पर कन्हान पुलिस ने आज ट्रक को अपने कब्जे में लिया

नागपुर – वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से पिछले 3 दशक से अधिक समय से रोजाना खदानों में उत्पादित कोयले का अंदाजन 10% कोयला चोरी हो रहा.इसकी पुख्ता जानकारी नीचे से लेकर ऊपर था होने के बावजूद ‘कोयले की दलाली में सभी के हाथ काले’ होने की खबर हैं.

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ताजा खबर के अनुसार कल गुरुवार की शाम इंदर खदान से गोंडगांव कोल वाशरी जाने के लिए निकली ट्रक पारडी में खाली हुई और 9.19 बजे रात डुमरी अन्नामोड़ पर धरी गई,चालक,मालक भाग खड़े हुए,अधिकृत ठेकेदार लोढ़ा इंटरप्राइजेज की शिकायत पर कन्हान पुलिस ने आज ट्रक को अपने कब्जे में लिया।इस सन्दर्भ में कल शाम से ही AGM आभास सिंह,कामठी उपक्षेत्रीय प्रबंधक विनय कुमार सिंह,कोल वाशरी के GM देशमुख व INCHARGE जुबेर शेख को देने के बावजूद किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।आज इस गंभीर मामले को लेकर इंटक नेता नरेश बर्वे वेकोलि CMD मनोज कुमार से मुलाकात करेंगे।

पहला प्रकरण
प्राप्त जानकारी के हिसाब से वेकोलि के नागपुर क्षेत्र अंतर्गत इंदर OCM,गोंडगांव OCM,कामठी OCM,भानेगांव OCM और सिंगोरी OCM सावनेर व उमरेड के खदानों से रोजाना कोयला उत्पादित होता हैं.इनमें से इंदर OCM,गोंडगांव OCM,कामठी OCM,भानेगांव OCM और सिंगोरी OCM FRESH और STEEM COAL ट्रांसपोर्टर द्वारा ट्रकों में भरकर नियमनुसार/टेंडर शर्त अनुसार निकट के गोंडगांव कोल वाशरी या फिर डुमरी कोल साइडिंग ले जानी चाहिए।लेकिन रोजाना के कुल ट्रांसपोर्टिंग का लगभग 10 % कोयला पारडी के कोल माफियाओं के प्लॉटों में खाली की जा रही.

उक्त गोरखधंधे में स्थानीय वेकोलि उपक्षेत्रीय प्रबंधकों,ट्रांसपोर्टरों,वेकोलि और कोल वाशरी सुरक्षा रक्षकों के शह पर उनके ‘सन्नी’ जैसे कई दलाल सक्रिय हैं.

नियमानुसार कोयले की परिवहन करने वाली ट्रकों में WCL द्वारा GPRS SYSTEM लगाया जाता हैं.लेकिन कोयला भरने के बाद ट्रांसपोर्टर पारडी,नागपुर ले जाने के समय GPRS SYSTEM खोल लेते हैं और अन्य दोपहिये वाहन में लगा कर गुमराह करते हैं.वैसे GPRS निकालने के बाद भी 3 घंटे ACTIVE रहता हैं.

कोयले भरी ट्रकों का कांटा(वजन) होने के बाद नियम के अनुसार उन ट्रकों को सील लगाया जाता हैं.इसके लिए वेकोलि एक एजेंसी को भुगतान करती हैं,जिन ट्रकों को नागपुर ले जाना होता हैं,सील लगाने वाली इन एजेंसी की मिलीभगत से उन ट्रकों में सील नहीं लगाई जाती हैं.इसके एवज में सील लगाने वाली टीम को प्रति ट्रक 4000 रूपए दिया जाता हैं.

कोयला परिवहन करने वाली ट्रकों में 30 टन कोयला लाढ़ परिवहन किया जाता हैं.जिसका बाजार भाव कम से कम 4000 रूपए प्रति टन होता हैं.
सूत्र बतलाते हैं कि पारडी में पंडित,चेतन,मंटू सिंह,राजू सिंह के ठिय्ये हैं,ये सभी सम्बंधित प्रशासन को गुमराह करने के लिए 200 टन का DO खरीद लेते,उसकी आस में चोरी के कोयले की अफरा-तफरी करते हैं.इस क्षेत्र में रामनारायण और शेट्टी ने 2 दशक तक राज किया।

इस क्रम में कल शाम इंदर OCM से गोंडगांव कोल वाशरी जाने के लिए निकली MH 40 BL 3419 क्रमांक की ट्रक लगभग शाम 6.19 बजे कन्हान टोल से पारडी नागपुर गई,चेतन के प्लॉट पर कोयला उतार कर वहां से कचरा(ख़राब कोयला सह पत्थर) लोड कर कामठी फोर लेन स्थित पेट्रोल पंप के पास उस ट्रक में सील लगाया गया,उसके बाद कन्हान टोल से होते हुए डुमरी अन्नामोड़ पर जागरूक नागरिकों ने धर दबोचा,क्यूंकि वे वेकोलि इंदर खदान से उस ट्रक का पीछा कर रहे थे.इस बीच ट्रक चालक और मालक भाग खड़े हुए.

इसकी सुचना रात में कन्हान थाने में दी गई तो पुलिस दल आया और लिखित शिकायत देने का निर्देश देकर लौट गए,देर रात लिखित शिकायत लोढ़ा इंटरप्राइजेज ( इस कंपनी को खदान से साइडिंग या कोल वाशरी तक कोयला पहुँचाने का ठेका मिला हैं,इसी कंपनी से उक्त ट्रक ATTACH थी) ने की और आज सुबह 11 बजे के आसपास कन्हान पुलिस ने उक्त ट्रक को अपने कब्जे में लेकर थाने ले आयी.

उक्त घटनाक्रम के दौरान ट्रक का मालिक राहुल और चंद्रा कोल का सन्नी सिंह दोनों ट्रक के पीछे पीछे सफ़ेद रंग की RITE(MH 40 AC 7409) से चलते देखा गया.ये दोनों कई कंपनियों के पेट्रोलिंग का काम देखते हैं,इनकी सांठगांठ उपक्षेत्रीय प्रबंधकों से हैं.

दूसरा प्रकरण
WCL की उक्त खदानों के निकट मिटटी की पहाड़ियों के निकट रोजाना वेकोलि प्रबंधन की शह पर 2-3 ट्रक कोयला इंदर व गोंडगांव खदान से गिरा दिया जाता हैं.फिर यहाँ से मजदूरों द्वारा स्थानीय कोयले के टाल वाले (भुजंग,पानतावणे,कृष्णा यादव आदि) चुनवा कर टाल तक लेट हैं,फिर चिल्लर ग्राहकों में बेच देते हैं,यह कारनामा भी वर्षो से जारी हैं.इस गैरकृत में गोंडगांव OCM का सुरक्षा रक्षक संतोष यादव और कामठी उपक्षेत्र का पाल सक्रिय हैं.

तिसरा प्रकरण
WCL से कोयला उत्पादन बाद महाजेनको को दिया जाता हैं.खदान से कोरडी/खापड़खेड़ा बिजली उत्पादन घर तक पहुँचने के बीच 10 % कोयला सम्पूर्ण ट्रक कोयले के टाल में उतार,उसकी जगह कचरा अर्थात ख़राब कोयला भर कर महाजेनको को भेज दिया जाता। इन टाल संचालकों को स्थानीय पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग मिल रहा.

वाशरी का जिम्मा
खदानों से रोजाना कोयला वाशरी तक लाया जाता हैं.जिसे पानी से धोया जाता हैं.इसके बाद 20% कोयला निजी क्षेत्र में बेच दिया जाता और शेष 80% कोयला को वाश करने के बाद उसका चुरा बनाकर महाजेनको तक पहुँचाया जाता।इन्हे मिलने वाली 10% कोयले की चोरी हो रही,इनकी जानकारी इनके स्थानीय प्रबंधन को होने के बावजूद इनकी चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही.
सरकारी राजस्व को लगाया जा रहा चुना पर रोक लगाने सह दोषियों पर कड़क क़ानूनी कार्रवाई के लिए आज इंटक नेता नरेश बर्वे का शिष्टमंडल CMD मनोज कुमार,ऊर्जामंत्री,पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने की खबर हैं.

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