– केंद्र व राज्य सरकार नागपुर फार्मूला को अपनाकर ईंधन खर्च में कमी और प्रदुषण नियंत्रण में मजबूती लाए
नागपुर: सीएनजी/एलपीजी/हाइब्रिड जैसे ईंधन को आगे बढ़ाने में केंद्र सह राज्य सरकार पूर्ण-रूपेण असफल रही.तो दूसरी ओर पेट्रोल व डीजल दर में अंतर कम होते जा रही.आज डीजल पहली मर्तबा 81 रूपए / लीटर हो गई.ऐसे में केंद्र व राज्य सरकार सह निजी संस्थान सह निजी क्षेत्रों में सीएनजी को बढ़ावा देने की जरुरत हैं.इससे ईंधन खर्च में कमी और प्रदुषण नियंत्रण में मजबूती आएंगी।
पेट्रोल-डीजल के दरों के मध्य अंतर में लगातार कम होते जा रहे.इसलिए उपभोक्ता वर्ग ‘सीएनजी’ की ओर कदम बढ़ा रहे.यह जानकारी आईसीएआर के सर्वेक्षण से खुलासा हुआ.सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2019-20 में डीजल कारों की भागीदारी 29 फीसदी हैं,यह भागीदारी वर्ष 2020-21 में 15 से 18 फीसदी तक सिमट जाएंगी। आने वाले वर्षों में घरेलु यात्री वाहन सेगमेंट में डीजल के कारों की हिस्सेदारी में कमी और उसकी जगह पेट्रोल सह सीएनजी कारों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जाएंगी।इस दौरान कार सेगमेंट में डीजल कारों की हिस्सेदारी 5-7 फीसदी और यूटिलिटी व्हीकल सेगमेंट में 65 से घटकर 40 फीसदी हो जाएंगी।
सर्वे रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 5 लाख रूपए तक की कीमत वाली कारों का सेगमेंट अब पूरी तरह पेट्रोल और सीएनजी में तब्दील हो जाएगा।इस बदलाव की निर्भरता टैक्सी सेगमेंट पर हैं,इस क्षेत्र में ज्यादातर डीजल कारों का इस्तेमाल किया जाता हैं.
पिछले कुछ समय से घरेलु डीजल कार में लगातार इजाफा देखा जा रहा.जनवरी 2013 से लगभग प्रत्येक माह डीजल दर में वृद्धि देखी जा रही हैं.इसके वजह से पेट्रोल व डीजल दर में अंतर लगातार कम होते जा रही.वर्ष 2013 में डीजल कारों की हिस्सेदारी 58 फीसदी थी.
नागपुर में भड़ते प्रदूषण को ध्यान मे रखते हुए सीएनजी को बढ़ावा कुछ वर्ष पूर्व केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दी। सिर्फ नागपुर शहर परिसीमा में 4 सीएनजी पंप हैं और डीजल-पेट्रोल वाहन को सीएनजी में तब्दील करने वाली एक नामचीन समूह ‘रॉमेट’ हैं.
जिले में सीएनजी को बढ़ावा देने के लिए ‘रॉमेट’ ने नए-नए योजनाएं पेश की,जैसे सीएनजी पम्प व सीएनजी में वाहन तब्दील करने की एजेंसी आदि-आदि.