नागपुर: काटोल विधानसभा क्षेत्र के मरकसुर स्थित मनीष सिंह के फार्म हाउस से गांजा तस्करी का मामले का समझौता न होने पर पर्दाफाश किया गया। अब काटोल पुलिस प्रमुख आरोपी को हर-प्रकार की राहत देने हेतु २५ लाख रूपए की मांग की जाने की खबर है? उक्त घटना के मद्देनज़र राज्य के गृहमंत्री से काटोलवासियों ने गंभीर दखल लेने व दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 5 सितंबर 2016 को सुबह काटोल सावरगांव मार्ग पर चिखली (मैना) में हुए कार हादसे में मिले 190 किलो गांजा मिला। इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई ढुलमुल होने के कारण आजतक 2 आरोपी फरार है। पकडे गए 2 आरोपी से पुछताछ के दौरान मरकसुर स्थित मानिष सिंह के फार्म हाउस से ये गांजा तस्करी के तार जुड़े होने की पुख्ता खबर मिलते ही घेराबन्दी कर फार्म हाउस से टिप्पर और टिप्पर से लाखों का गांजा जप्त करने के बाद मनीष सिंह को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था।
इस घटना में मनीष सिंह से समझौता नहीं हुआ, इसलिए उसकी गिरफ़्तारी हुई। अब पुलिस इस घटना की तह में जाने के बजाय काटोल पुलिस मनीष सिंह को उक्त मामले से बचाने के लिए 25 लाख रूपए की डिमांड करने की जानकारी काटोल पुलिस के खबरी ने दी है।
उल्लेखनीय यह है कि मनीष सिंह का वर्षो पुराना गांजा का धंधा बड़े पैमाने पर है, जिसकी काटोल पुलिस और उनके वरिष्टों को भली-भाँति मालूमात थी। काटोल विधानसभा क्षेत्र इस धंधे का मुख्य केंद्र है, यह सर्वत्र चर्चित है।
काटोल पुलिस की खबरची के अनुसार मनीष सिंह को पहले से पता था कि छापामार कार्रवाई होने वाली है, कई टन गांजा वहां से हटा कर अलग जगह रख दिया है, टिप्पर में गांजा रखने के मामले में मनीष “ओवर कॉंफिडेंट” था कि छापा पड़ा तो पता नहीं चलेगा लेकिन पकड़ा गया। काटोल पुलिस और उनके वरिष्ठ ने काटोल के संदिग्ध रेस्टॉरेंट वाले से लाखों की सेटिंग करके उसका नाम इस घटनाक्रम से गायब कर दिया है। गांजा व्यवसाय में मनीष का आंध्र प्रदेश के माफिया से अच्छा-खासा सम्बन्ध है। फ़िलहाल मनीष सिंह काटोल थाना में कैद है। अब देखना यह है कि राज्य के गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के गृह जिले पर लगी दाग किस तरह मिटा पाते है।
– राजीव रंजन कुशवाहा