Published On : Thu, Jan 18th, 2018

नागपुर मनपा : मुख्यमंत्री का निर्देश …. जा डूबती टाइटैनिक को संभाल ले

Advertisement

नागपुर: नागपुर मनपा की चरमराई आर्थिक स्थिति से सम्पूर्ण राज्य भली-भांति वाकिफ है. उस पर मुख्यमंत्री ने भी गत माह दो टूक मनपा के उच्च स्तरीय शिष्टमंडल से कह दिया कि सरकारी अनुदान की अपेक्षा के बजाय खुद के आय स्त्रोतों को मजबूत कर मनपा का संचलन करें। इसके बाद मनपा प्रशासन ढुलमुल नीति से आर्थिक संपन्नता से कोसों दूर चली गई. एकमात्र पदाधिकारी चिंतित दिखा, शेष अपने उद्देश्यपूर्ति में लीन होने से आज मनपा प्रशासन मझदार में बुरी तरह फंस गई है. मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी होने से उन्होंने सत्तापक्ष के नेतृत्वकर्ताओं द्वारा दरकिनार पदाधिकारी को संरक्षण देते हुए डूबती टायटेनिक याने मनपा को आर्थिक संकट से उबारने के लिए सक्रीय होने का निर्देश दिया।

मनपा में चर्चा है कि उक्त निर्देश के बीच उक्त पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री से साफ़ साफ़ शब्दों में कहा कि स्वतंत्र काम करने की आजादी देंगे तो ही मनपा में सक्रिय होऊंगा। बताया जाता है कि इस मामले में उक्त पदाधिकारी को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया।

याद रहे कि उक्त पदाधिकारी मनपा कर मामले से सम्बंधित समिति का सभापति है. आज के दौर में यह समिति महापौर, स्थाई समिति, परिवहन आदि समिति से महत्वपूर्ण समिति बन गई है. वजह साफ़ है कि मनपा आज प्रशासन की अनगिनत खामियों के कारण और पदाधिकारी, नगरसेवकों के हस्तक्षेप के कारण बुरी तरह आर्थिक अड़चनों का सामना कर रहा है.

Gold Rate
27 June 2025
Gold 24 KT 96,400 /-
Gold 22 KT 89,700 /-
Silver/Kg 1,07,500/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

ऐसे में कर समिति के सभापति अविनाश ठाकरे की गुणवत्ता व कार्यशैली से भयभीत सत्ताधारियों ने ठाकरे को मनपा के कामकाज से दरकिनार कर दिया था. यहां तक कि मनपा मुख्यालय में उसके लिए स्वतंत्र कक्ष तक बनने नहीं दिया. जबकि अन्य निष्क्रिय समिति के सभापतियों को शानदार कक्ष दिलवा दिए.

उक्त नीतियों से नाराज ठाकरे घर बैठने के बजाय वे अपने समाज के उत्थान के लिए राज्य भर में सक्रिय हो गए. इनकी सक्रियता से पार्टी नेता भी प्रभावित थे. माना जा रहा था कि पार्टी इन्हें कहीं न कहीं बड़े महत्वपूर्ण महामंडल का जिम्मा सौंप सकती है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि सत्ता में आते ही सभी पार्टी एक सी हो जाती हैं.

इधर मनपा की लगातार स्थित ख़राब होती जा रही है, तो दूसरी ओर नियमित मदद की मांग से परेशान मुख्यमंत्री ने अंततः ठाकरे के गुणवत्ता से परिचित होने के कारण ठाकरे के अभियान में खलल डालते हुए अगले ३ माह मनपा में पूरा समय देकर मनपा की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ठाकरे को निर्देश दिया।

उल्लेखनीय है कि ठाकरे को ३ माह के बजाय एक अतिरिक्त टर्म बतौर समिति सभापति देने से ही सकारात्मक परिणाम समक्ष आएगा। आज के दौर में मनपा और टाइटेनिक की स्थिति समान हो गई है.

कड़की में अप्रत्यक्ष व्यवसाय में कई लीन

कुछ पदाधिकारी, पूर्व पदाधिकारी और नगरसेवक वर्ग अन्य किसी के नाम से मनपा में व्यवसाय कर रहे हैं. इस व्यवसाय को सफल अंजाम देने और उसका भुगतान निकलवाने में ही अपना ‘एनर्जी’ झोंक रहे हैं. कोई बिजली, कोई जनसम्पर्क, कोई अस्पताल, कोई सड़क ठेकेदार, कोई सर्वे, कोई मनुष्य बल का व्यवसाय कर रहा है.

ठाकरे को जानने वाले कर्मी भयभीत

ठाकरे तकनिकी रूप से सबल होने के साथ ही साथ काम लेने में भी माहिर बतलाये जाते हैं. उनके कार्यशैली से वाकिफ कर्मियों का मानना है कि ठाकरे के सक्रिय होने से १००% काम को अंजाम देना ही अंतिम पर्याय है, वर्ना घर बैठाने में ठाकरे को हिचक नहीं होती।

Advertisement
Advertisement