मेलघाट (अमरावती)। अमरावती के मेलघाट में इंसानियत को शर्मसार करनेवाली घटना घटी. 18 दिन के नवजात शिशु पर अघोरी उपचार करके उसे गंभीर जख्मी करने की घटना मेलघाट माडीझाडप गांव में घटी है. अंधश्रद्धा की इस घटना में बालक गंभीर अवस्था में है और उसे नागपुर के अस्पताल में भर्ती किया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेलघाट में आज भी अंधश्रद्धा को आधार बनाया जाता है. कुछ बीमारिया होने पर अस्पताल ले जाने के बजाय मरीज को, भुमका मतलब अघोरी मांत्रिक के पास उपचार के लिए ले जाने की परंपरा आज भी है. माडीझडप गांव की एक अविवाहित युवती ने 18 मार्च को शिशु को जन्म दिया. लेकिन बच्चे का फेट फूलने से उसे अस्पताल ले जाने की बजाय गांव के एक भुमका-मांत्रिक के पास ले गई. उस शिशु के उपचार के नाम पर पेटपर करीब 20 गरम सलाख के चटके दिए गए. अधिक प्रमाण में चटके देने से बच्चे की तबियत गंभीर हो गई है. बच्चे को अमरावती के जिला स्त्री अस्पताल में आईसीयू में दाखील किया गया था. इस दौरान बच्चे की हालत गंभीर होने से उसे नागपुर के अस्पताल में रेफर किया गया है.
मेलघाट में फिर एक बार हालही में जन्मा शिशु अंधश्रद्धा का बली बना है. राज्य में अंधश्रद्धा को मिटाने के लिए दाभोलकर ने जो लड़ाई लडी उसमे उनकी हत्या हुई. लेकिन आज तक राज्य की अंधश्रद्धा दूर नही हुई यह शर्म की बात है.