नागपुर: प्रधानमंत्री का सपना भारत को स्वच्छ बनाने का है। इस सपने के तहत स्वच्छ भारत अभियान भी शुरू है। अगले महीने 2 अक्टूवर को फिर एक बार देश राष्ट्रपिता गाँधी की जयंती मनाएगा। गाँधी स्वछता प्रेमी थे इसलिए सरकार की सोच है देश का हर नागरिक जिम्मेदार बने और अपने आसपास साफ़ सफ़ाई रहे। लेकिन जनता को नसीहत देने वाली सरकारों के मातहत आने वाले कार्यालय में ही किसी अच्छे अभियान की धज्जियाँ उड़ाई जाये तो इसे दुर्भाग्य ही कहाँ जायेगा। सार्वनजिक जगहों की गंदगी को छोड़ दीजिये। इस ख़बर से साथ संलग्न तस्वीरें देखें। स्वच्छ भारत अभियान की सच्चाई आप के सामने आ जाएगी।
यह तस्वीरें सिविल लाइन स्थित विभागीय आयुक्त कार्यालय के अंदर की है। डिजिटल इंडिया के ज़माने में पुराने फर्नीचर और फ़ाइल धूल फांक रही है। दीवाल थूंकदान बन चुका है। टॉयलेट में गंदगी का अंबार है और कार्यालय परिसर की दीवारें स्टोर रूम के साथ ही कचरा घर में तब्दील हो चुकी है। यह नज़ारा उस कार्यालय के अंदर का है जहाँ बैठने वाले अधिकारी किसी भी योजना को सफ़ल बनाने की प्लानिंग करते है।