नागपुर: नागपुर लोकसभा में सभी राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मदारों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है और प्रचार प्रसार जोरों शोरों से शुरू कर दिया है. बहुजन समाज पार्टी की शहर में अच्छी खासी पैठ है. मुस्लिम और दलित वोटों का धुर्वीकरण न हो इसके लिए इस बार बसपा की ओर से मोहम्मद जमाल को उम्मीदवारी दी गई है. बसपा के जमाल को कैडर बेस कैंडिडेट के तौर पर जाना जाता है.
नागपुर टुडे ने जमाल से बात की और नागपुर के बारे उनके एजेंडे को जाना. जमाल ने बताया कि मुस्लिम और बहुजन समाज की मांग है इसलिए उन्हें टिकट दिया गया है. 5 साल से तैयारियां शुरू थी और उसे अब अंजाम तक पहुँचाना है. उन्होंने बताया कि बूथ लेवल की पार्टी है. बूथ सेक्टर के साथ कार्यकर्त्ता तैयार हैं. उन्हें सिर्फ तारीख का इंतज़ार है कि मतदान करने कब जाना है. मतदाताओं को जागरूक करना है. वीवीपैट का भी मुद्दा है. मतदाताओं को यह भी बताना है कि जिसे भी आप को मतदान करना है, मतदान करने के बाद 6 सेकंड तक उसका सिंबल आएगा उसे देख लें. नागरिकों को तस्सली हो जाए कि आपने किसको वोट दिया है. बहुजन समाज पार्टी समाज में समता मूलक समाज की स्थापना करना चाहती है. सरकार ने संविधान को लागू नहीं किया और उसमें संशोधन किया भी गया. नई नई बातें उसमें डाली गई हैं. पूरी तरह से संविधान लागू हो जाए तो सभी को शिक्षा और स्वास्थ सेवा उपलब्ध होगी.
कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही बाबासाहेब के विचार पसंद नहीं है. जिसकी वजह से वे पूरी तरह से संविधान लागू नहीं कर रहे हैं. कांग्रेस गांधी और भाजपा गोलवलकर के विचारों पर चलती है और हम बाबासाहेब के विचारों को यहां पर लागू करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि अगर वे नागपुर से जीतते हैं तो निचले तबके के लोगों की परेशानियों को दूर करने की कोशिश करेंगे. एससी-एसटी-अल्पसंख्यक लोगों को मनुवादियों ने डरा कर रखा है. बाबसाहेब ने गोलमेज परिषद में अंग्रेजों से कहा था कि आप जो आजादी देना चाहते हैं वह देश को देना चाहते हैं या देशवासियो को. यह बात अंग्रेजों को काफी पसंद आई थी. संविधान में सभी कुछ है जिससे लोगों का विकास हो. अगर मायावती प्रधानमंत्री बनती है तो सबसे पहले संविधान को लागू करेगी. जमाल ने कहा कि बड़े नेताओं के विरुद्ध चुनाव लड़ने के कारण उन्हें लड़ने में आसानी होगी. शहर को बदहाल कर दिया है. एक सड़क के काम के बाद दूसरा काम शुरू करना था. लेकिन सभी सड़कों का काम किया जा रहा है.
