Published On : Sun, Nov 16th, 2014

वाशिम : ‘बच्चों, घर-घर स्वच्छ्ता का सन्देश पहुँचाओ’

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ज़िले में बाल स्वच्छ्ता अभियान के दौरान चक्रधर गोटे का आवाहन

काटा में बाल सम्मेलन व रैली निकाली

Washim Childrens day
वाशिम।
बच्चों, अब तुम स्वच्छ्ता दूत बनो और घर-घर स्वच्छ्ता का सन्देश पहुँचाओ. अपनी शाला, घर स्वच्छ रखो. यह संदेश ज़िला परिषद के शिक्षा व आरोग्य सभापति चक्रधर गोटे दिया. काटा स्थित लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय में बाल दिवस पर आयोजित बाल सम्मलेन में वे बच्चों का मार्गदर्शन कर रहे थे. अवसर पर वाशिम पंचायत समिति सभापति वीरेन्द्र देशमुख, तहसीलदार आशीष बिजवल, स्वच्छ भारत मिशन के उपमुख्य अधिकारी संजय इंगळे, महिला व बालकल्याण विभाग के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश जवादे, गट विकास अधिकारी आर. के. तांबे, सरपंच हेमलता कंकणे, ज़िप सदस्य विजय मानमोठे, महिला व बाल विकास के मदन नायक, तुषार जादव, स्वच्छ भारत के प्रफुल्ल काले, आईसी सलाहकार पुष्पलता अफुने, चिकित्सा अधिकारी डॉ. पंडित डवले, मलेरिया अधिकारी चन्द्रशेखर, कृष्णराव देशमुख, मुख्याध्यापक कोतेवार, विस्तार अधिकारी नीलेश मोहड़, प्रकाश कवर, सरनाईक, प्रकाश कांबळे प्रमुखता से उपस्थित थे.

Washim Childrens day
जनसम्पर्क अधिकारी राम श्रृंगारे द्वारा यहाँ जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ज़िले के सम्पूर्ण गाँवों में 14 नवम्बर से बाल स्वच्छ्ता अभियान की शुरुआत की गई. 14 से 19 नवम्बर के दरमियान ज़िले के सभी शालाओं व आंगनवाड़ी में विविध कार्यक्रम किये जा रहे हैं. कार्यक्रम का उद्घाटन स्वच्छ्ता दूत आफ़रीन पठान, फरहाना शेख और जय निम्बलवार के हाथों कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. सभापति ने अवसर पर कहा कि शरीर के प्रत्येक भाग को स्वच्छ रखें. भोजन के पूर्व व शौच के उपरान्त हाथ अच्छी तरह से धोयें व शौचालय का उपयोग करें. स्वच्छ्ता दूत आफ़रीन, फरहाना और जय को नेलकटर देकर उपहार स्वरूप देकर सम्मानित किया गया. सभापति वीरेंद्र देशमुख, बिजवल, संजय इंगळे, योगेश जवादे, आर.के. तांबे, चंद्रशेखर व डवले ने अपने-अपने विचार रखे. संचालन राम श्रृंगारे ने किया.

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बाल सम्मलेन के बाद गाँव के हनुमान मंदिर से रैली का उद्घाटन स्वच्छ्ता दूतों के हाथों हरी झण्डी दिखाकर विद्यार्थियों की रैली को रवाना किया गया. इसमें विद्यार्थियों ने अपने हाथों में फ़लक लेकर स्वच्छ्ता सम्बन्धी नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे. उनके साथ उर्दू शाला के विद्यार्थी भी शामिल थे. सफलतार्थ मुख्याध्यापक, शिक्षक के साथ अमित घुले, प्रज्ञा कांबळे, महादेव भोयर, विलास मोरे, वसंता इंगले, गायकवाड आदि ने अथक परिश्रम किया.