अकोला। स्थानीय आगरकर फांयनेशल सर्विस के संचालक ने अपने व्यवसाय के लिए अपने परिचित से 50 हजार रूपए उधार लिए थे. जिसकी अदायगी के लिए उन्होंने अपने कर्म का चेक दिया था. लेकिन चेक की राशि अदा न होने के कारण शिकायतकर्ता ने न्यायालय में याचिका दायर की थी. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी मानते हुए 6 माह का कारावास तथा 60 हजार रूपए अदा करने के निर्देश दिए.
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कीर्ति नगर निवासी व्यवसायी श्याम बापूराव गावंडे से आगरकर फायन्ससिएल सर्विस के संचालक अनूप गुलाबराव आगरकर ने 50 हजार रूपए उधार लिए थे. जिसकी अदायगी के लिए आरोपी ने दि जनता कमर्शियल को आप बैंक लिमिटेड अकोला ब्रांच का चेक क्रमांक 828798 का 12 जून 2013 का दिया था. उक्त चेक 13 जून को शिकायतकर्ता ने अपने खाते में लगाने पर पर्याप्त राशि न होने के कारण वापस आ गया था. जिससे शिकायतकर्ता ने अपनी राशि अदायगी की मांग की किन्तु आरोपी ने उक्त मांग की ओर अनदेखी की. जिससे शिकायतकर्ता ने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस जारी कर राशि देने की मांग की.
इस नोटिस पर भी उचित कार्रवाई न किए जाने के कारण श्याम बापूराव गावंडे ने अधिवक्ता डी.एस. लाहोटी के माध्यम से न्यायालय में निगोशिएबल एक्ट की धारा 138 के तहत न्यायालय में याचिका दायर की. उक्त अभियोग की सुनवाई 3 रे प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी ए.बी. काले के न्यायालय में हुई. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी मानते हुए 6 माह के सामान्य कारावास तथा 60 हजार रूपए शिकायतकर्ता को देने के निर्देश दिए. शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता लाहोटी ने पैरवी की.

Representational Pic
