Published On : Fri, May 18th, 2018

बारहवीं की परीक्षा पद्धति में होगा बदलाव

Advertisement

मुंबई: राज्य के बारहवीं के विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी करते समय अब किसी भी पाठ को विकल्प के तौर पर नहीं छोड़ सकते हैं। इस साल से बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में बदलाव होने जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें, इसलिए यह बदलाव किए जा रहे हैं। इस बदलाव से जेईई और नीट परीक्षा में विद्यार्थियों को बड़ी मदद मिल सकती है।

देश में मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा आयोजित की जा रही है, जबकि इंजिनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए राज्य अपनी स्वतंत्र परीक्षा आयोजित करते हैं। आने वाले समय में नीट की तरह इंजिनियरिंग के लिए देशभर में एक ही प्रवेश परीक्षा आयोजित हो सकती है। इसके लिए बारहवीं की परीक्षा पद्धति में बदलाव करना आवश्यक हो गया है, जिससे विद्यार्थी विषय के सभी पाठों को पढ़ें और राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के लिए तैयारी कर सकें।

फिलहाल, महाराष्ट्र में बारहवीं की परीक्षा की जो पद्धति है, उसमें पाठ का विकल्प होता है। इसके चलते कई विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी करते समय कठिन पाठों को विकल्प के रूप में छोड़ देते हैं और आसान पाठों की मदद से बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण हो जाते हैं। इसके चलते ये विद्यार्थी जेईई और नीट जैसे परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाते हैं। स्टेट बोर्ड ने राष्ट्रीय परीक्षाओं को देखते हुए पाठ्यक्रम में पहले ही बदलाव कर दिया था, लेकिन पाठों का विकल्प होने की वजह से विशेष लाभ नहीं हो रहा था। अब परीक्षा पद्धति में पाठों का विकल्प खत्म होने पर विद्यार्थियों को सभी पाठ पढ़ने होंगे।