Published On : Tue, Jun 4th, 2019

ट्रेन की चैन पुलिंग करनेवाले 241 यात्रियों से रु. 1.76 लाख का जुर्माना वसूल, जानें कैसे करता है ट्रेन में चेन पुलिंग सिस्टम, सजा और विकल्प की जानकारी

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नागपुर– मध्य रेल के नागपुर मण्डल पर रेल सुरक्षा बल द्वारा गाड़ियों में बिना कारण जंजीर खिंचने वालों पर कार्यवाही की गई तथा सुरक्षात्मक उपाय अपनाए गए जिसमें नागपुर मण्डल पर वर्ष 2018 मे अलार्म चैन पूलिंग की 417 घटनाए दर्ज की गई थी जिसमें 241 व्यक्ति पकड़े गए तथा उनसे रुपये 1,76,190 दंड वसूल किया गया. इसी प्रकार वर्ष 2019 में अप्रैल माह तक 219 अलार्म चैन पूलिंग मामले दर्ज किए गए जिसमें 119 मामले मे अलार्म चैन पूलिंग करने वालों को पकड़ा गया. न्यायालय द्वारा 89 हजार 800 रुपये दंड वसूल किया गया.

चलती ट्रेन मे अलार्म चैन खींचकर रोकना कानूनन अपराध है. यात्रियों को अक्सर इससे जुड़े कानूनों की जानकारी नहीं होती. कई बार यात्री मोबाइल गिर जाने पर भी ट्रेन की चैन खींचकर उसे रोक लेते है. लेकिन रेल्वे कानून के तहत यह अपराध है. ऐसा होने पर रेल सुरक्षा बल की पैनी नजर होती है तथा चैन खिंचने वालों को पकड़कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाती है. इसलिए यात्रियों को नियमों की जानकारी होना आवश्यक है.

अलार्म चैन खिंचने पर तुरंत नहीं रुकती गाड़ी
जंजीर खींचने का मतलब लोको पायलट के लिए पर एक बार अलार्म बजाना होता है. जंजीर खींचने पर गाड़ी एक दम नहीं रुकती बल्कि उसकी गति धीमी होती है तथा गाड़ी धीरे धीरे रुकती है. ट्रेन में जंजीर खींचने से ट्रेन के 8 से 12 पहिये ही प्रभावित होते हैं. दरअसल 1 बोगी मे 8 पहिए होते है. उन पर तो सीधा असर पड़ता है. साथ ही पीछे वाली बोगी के आगे के 4 पहिए एक बार अचानक से रुक जाते हैं.

ट्रेन की जंजीर ऐसे काम करती है
जंजीर ट्रेन के मुख्य ब्रेक पाइप से जुड़ी होती है. इस पाइप के बीच हवा का एक निश्चित दबाव बना रहता है. इसे जॉर्ज वेस्टिंगहाउस ने बनाया था. ट्रेन का ब्रेक आज भी उन्ही के मॉडल पर काम कर रहा है. इस ब्रेकिंग प्रणाली को 150 वर्ष पूरे हुए हैं. ट्रेन में अलार्म चैन पूलिंग अब यह ट्रेन की हर बोगी के बीचों बीच वाले कंपार्ट्मेंट मे होती है.

चलती गाड़ी मे कहां से खींची गई जंजीर इसका पता ट्रेन की बोगियों मे एमरजेंसी फ्लेशर से चलता है. जिससे पता चल जाता है कि कहां से ट्रेन की जंजीर खींची गई है. यदि फ्लेशर नहीं लगे होंगे तो ट्रेन के गार्ड को जाकर देखना होता है कि ट्रेन की किस बोगी से वाल्व निकला हुआ है.जहां एयरपाइप का वाल्व निकला होगा पता चल जाता है कि चैन पुलिंग उसी कोच से हुई है.

चैन पुलिंग के लिए सजा का प्रावधान : भारतीय रेल्वे एक्ट 1989 धारा 141 के तहत अगर कोई यात्री या कोई दुसरा व्यक्ति बिना किसी जरूरी वजह के जंजीर का प्रयोग करता है । पहली बार पकडे जाने पर रुपये 500 जुर्माना, दूसरी या उससे ज्यादा बार पकड़े जाने पर 3 माह की कैद हो सकती है.बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है. भारत मे अब तक किसी बड़ी दुर्घटना नहीं हुई लेकिन फ्रांस मे 1988 मे तेज रफ्तार ट्रेन के चैन पुलिंग के कारण डिब्बे आपस मे भीड़ गए थे और ट्रेन पटरी से उतार गई थी. इस रेल दुर्घटना में 56 लोगो की मौत हो गई थी.

जरूरी नहीं है चैन पुलिंग करना, इन तरीको से भी मिल सकती है मदद : ट्रेन की जंजीर खींचने के बजाय रेल यात्री क्या कर सकते है. रेल यात्रियों को छोटी मोटी घटना की हालत मे ट्रेन के टीटीई, ट्रेन के रेल सुरक्षा बल, एस्कॉर्ट कोच सहायक और किसी दूसरे रेल्वे के स्टाफ को घटना की जानकारी दे सकते है ।

रेल सुरक्षा बल के ऑल इंडिया सेकुरिटी हेल्पलाइन नंबर 182 इस पर भी डायल करके घटना की जानकारी दे सकते हैं तथा मदद मांग सकते हैं. इनसे मदद मांगने पर तुरंत फील्ड के रेल सुरक्षा बल अधिकारी हरकत मे आएंगे तथा वाजिब मदद तुरंत पहुंचा दी जाती है. ऐसे ही जीआरपी की हेल्प लाइन 1512 इसे भी डायल करके सुरक्षा आदि की मांग की जा सकती है या सुरक्षा नियंत्रण कक्ष रेल्वे बोर्ड, नई दिल्ली का हेल्पलाइन नंबर 011-23303983 पर भी मदद ली जा सकती है. रेल पैसेंजर हेल्पलाइन नंबर 138 रेल यात्रा के दौरान किसी परिशनी की हालत मे इस नंबर को डायल करके भी मदद की मांग की जा सकती है.