Published On : Thu, Feb 27th, 2020

मनोसामाजिक दिव्यांगता प्रमाणिकरण शिविर में 555 मानसिक रोगियों और 171 दिव्यांगो के प्रमाण पत्र बने

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848 दिव्यांगजनों का हुआ पंजीयन

सौंसर-सिविल अस्पताल में जनपद पंचायत और ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय मनोसामाजिक दिव्यांगता प्रमाणिकरण शिविर में सौंसर ,मोहखेड़,पांढुर्णा ,बिछुआ छिंदवाड़ा क्षेत्र के मनोरोगियों और दिव्यांगजनों ने लाभ लिया । शिविर के समापन अवसर पर जनपद पंचायत सीईओ डी के करपे ,बीएमओ डॉ एन के शास्त्री, संस्था संचालक श्यामराव धवले , पंचायत निरीक्षक घनश्याम डेहरिया,मोतीराम ठाकरे, पुरुषोत्तम वनकर,पंकज शर्मा,डीडीआरसी रविंद्र सनोडिया प्रमुखता से उपस्थित थे।

संस्था संचालक श्री धवले ने बताया कि जिला मेडिकल बोर्ड एवं जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र द्वारा दिव्यांगजनों 848 दिव्यांगजनों का पंजीयन किया गया। शिविर में 555 मानसिक रोगियों के बहुदिव्यांगता और 171 दिव्यांगजनों के कुल 726 दिव्यांग जनों के प्रमाण पत्र बनाएं गए। शिविर में देवास जिला अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ विजया सकपाल ने मनोरोगियों ,बीएमओ डॉ एन के शास्त्री,डॉ अलका जैन, डॉ रूपेश बोकडे ने दिव्यांगजनों की जांच की। शिविर में पहुंचे छिंदवाड़ा के मेडकीकला के विद्यासागर बोनिया ने बताया कि वे उनकी मानसिक रोग से पीड़ित 35 वर्षीय बेटी को लेकर शिविर में प्रमाण पत्र बनाने के लिए आए हैं।

आज तक किसी उन्हें किसी भी योजना का लाभ नही मिला हैं,संस्था से सहयोग से बेटी को प्रमाण पत्र मिलेगा। ग्राम खुटाम्बा के मानसिक रोगी किसना कोडापे को उनका भाई लेकर पहुंचा ,वो 12 वर्ष से मानसिक रोग से पीड़ित हैं।

ग्राम गागतवाडा की 70 वर्षीय वृद्ध महिला को उसका नाती शिविर में लेकर आया था। पंचायत निरीक्षक श्री डेहरिया ने बताया कि शिविर के आयोजन का मुख्य उद्देश्य शत-प्रतिशत मानसिक रोगियों और दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुहैया कराया जाना है, ताकि केंद्र एवं राज्य स्तर से मिलने वाली कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिव्यांगजनों को मिल सके। शिविर में जिला प्रशासन, जनपद पंचायत, जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र,स्वास्थ्य विभाग ,ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान क़ी टीम ने सहयोग दिया।