Published On : Tue, Dec 16th, 2014

उमरखेड़ : केंद्रीय दल उमरखेड़ के नागेशवाड़ी में नहीं रुका

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  • सैकड़ों किसान संतप्त, नागपुर-तुलजापुर हाईवे पर चक्काजाम
  • केंद्रीय दल लौटकर आने तक चलता रहेंगा आंदोलन

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उमरखेड़ (यवतमाल)। परभणी से केंद्रीय दल उमरखेड़ के नागेशवाड़ी दोपहर को पहुंचनेवाला था. जिससे सैकड़ों किसान और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे. यह दल शाम 6.58 बजे इस गाव से गुजरा मगर रूका नहीं. यह बात  ध्यान में आते ही वहां जमा 300 किसान, संबंधित अधिकारी हतप्रभ रह गए. उसके बाद संतप्त किसानों ने नागपुर-तुलजापूर हाईवे पर चक्काजाम कर दिया. समाचार लिखे जाने तक यह आंदोलन शुरू था. किसानों की मांग है कि, केंद्रीय दल लौटकर जबतक उनके पास आता नहीं तबतक यह आंदोलन चलता रहेंगा. चक्काजाम आंदोलन शुरू हो जाने से नागपुर-तुलजापुर हाईवे पर नागेशवाड़ी के दोनोंं ओर रास्तों पर वाहनों की लंबी कतारे लग गई है. इतना ही नहीं तो इस केंद्रीय पथक की मदद करने के लिए आए स्थानीय उपस्थित अधिकारी भी यहां से निकल नहीं पाए है. घटनास्थल पर मौजूद उमरखेड़ तहसीलदार सचिन शेजाल, कृषि अधिकारी लोखंडे आदि ने किसानों को समझाने की कोशिश की, मगर किसान इतने संतप्त थे कि उनका कहना कोई नहीं मान रहा था.

आज सुबह से था इंतजार
इन सभी किसानों को आज सुबह से ही केंद्रीय पथक का इंतजार था.  योंकि इस पथक की रिपोर्ट के बाद ही उन्हें सरकार की ओर से मदद मिलनेवाली है. 13
तारीख से ही इस पथक के दौरे को ध्यान में रखते हुए किसान बड़ी संख्या में उमरखेड़ के नागेशवाड़ी में जमा हुए थे. शामतक यह पथक नहीं आने से वे मायुस हो गए थे. फिर भी उन्हें उम्मीद थी कि, देररात में भी यह पथक वहां आकर उनका हालचाल जानेंगा, मगर पथक जैसे ही नागेशवाड़ी पहुंचा तो उस पथक के काफिले में शामिल सभी गाडिय़ा तेज गति के साथ वहां से निकल गई. जिससे सुबह से भूखे- यासे किसान संतप्त हो उठे और उ होंने आनन-फानन में नागपुर-तुलजापुर रास्ते पर चक्काजाम कर दिया. जिससे इस रास्ते पर दोनों ओर लंबी कतारे लग गई है.

किसानों की मुख्य मांगे
इन किसानों की मुख्य मांगों में 7/12 कोरा करने के लिए सभी किसानों का फसल कर्ज पूरी तरह माफ किया जाए, उसी प्रकार केंद्रीय कृषिमूल्य आयोग बर्खास्त किया जाए, किसानों को फौरन 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर सहायता दी जाए, नया फसल कर्ज उपलब्ध कराया जाए, कृषि पंपों के बिजली कनेक्शन फौरन जोड़े जाए, बिजली बिल पूरी तरह माफ किया जाए आदि मुख्य मांगे किसानों ने रखी है.

40 मिनट बाद वापस लौटा केंद्रीय दल
6.58 बजे नागेशवाड़ी से गुजरा केंद्रीय दल लगभग 40 मिनट बाद 7.38 मिनट पर फिर वापस नागेशवाड़ी लौट आया है. इस पथक को पता चल गया था कि किसानों ने संतप्त होकर चक्काजाम आंदोलन शुरू कर दिया है. जिससे वे उमरखेड़ से महागाव यह 25 कि.मी. के दूरी में से आधे रास्ते से ही वापस लौटे है. कुछ
देर यह पथक विश्रामभवन भी रुका था, ऐसी चर्चा है. पथक ने लौटने के बाद किसानों को दी गई बत्ती (कंदील) के उजाले में शोभाताई सुरोशे के खेत में कपास के सुखे पौंधे, सोयाबीन के सुखे पौधे और पास के ही खेत में सुखा गन्ना आदि  निरीक्षण कर किसानों ने चर्चा की है. यह दल वापस आने से किसानों ने चक्काजाम आंदोलन समाप्त कर दिया. मगर किसानों के आगे यह केंद्रीय दल झूक गया, ऐसी चर्चा तहसील ही नहीं तो जिले में हो रही है. अगर उसी समय वे रुक जाते तो उनका आगे का दौरा अधिक सुखमय होता था. पथक में वंदना सिंघल प्रमुख थी तो उनके साथ मातहत अधिकारी व्यंकट नारायणन, उमरखेड़ एसडीओ सिंगला, जिला कृषि अधीक्षक गायकवाड़ उपस्थित थे. इस पथक को शोभा सुरोशे ने बताया कि, उसे दुबारा बुआई के बाद 2 हेक्टेयर में सिर्फ 58 किलो कपास हुआ था. यह कपास बेचकर आयी राशि उसके बिमार बेटे के इलाज में चली गई. अब उसकी 3 लड़कियां और 2बच्चों का गुजारा वह कैसे करें? खेत के निरीक्षण के बाद केंद्रीय दल खेतों में स्थित सुखे कुओं का निरीक्षण करने गया था.