निम्न दर्जे से सड़क निर्माण व करोड़ों के भ्रस्टाचार का आरोप लगातार लगा रही संगठनें
नागपुर: पिछले ३ वर्षों से अधिक समय से नागपुर शहर सीमेंट सड़क का निर्माण हो रहा,वह भी निम्न दर्जे का.इस निर्माणकार्य में करोड़ों खर्च हुए व हो रहे.यह आरोप नियमित शहर की विभिन्न संघटनाएँ लगाती आ रही.इसका ‘थर्ड पार्टी’ अंकेक्षण करवाने की मांग भी नियमित की जा रही,लेकिन मनपा प्रशासन इसे सिरे से नज़रअंदाज करती आ रही.
पिछले कुछ वर्षों में मनपा की सत्ताधारी के सिफारिशों पर मनपा प्रशासन ने शहर भर में सीमेंट सड़कों का जाल बिछाने का काम जारी हैं. जिस पर राज्य सरकार,मनपा,नासुप्र ने करोड़ों खर्च कर रही.लेकिन सीमेंट सड़क के विशेषज्ञ कंपनियों से सड़क निर्माण की बजाय लोकल ठेकेदार,अनुभवहीन ठेकेदार या फिर बड़े कंपनी के ठेकेदार का कागजात पेश कर लोकल/अनुभवहीन जुगाड़ू ठेकेदार सड़क निर्माण में लिप्त है. नतीजा निम्न से निम्न दर्जे का सड़क निर्माण हो रहा है. उक्त आरोप विभिन्न संगठनों ने बारंबार लगाया है। सीमेंट सड़क निर्माण के नियम शर्तो का गंभीरता से न पालन हो रहा और न ही मनपा की ओर से समयबद्ध निरिक्षण हो रहा है.
याद रहे कि टेंडर जारी करते वक़्त मनपा ने शर्त रखी थी कि नियम क्रमांक ५२ के अनुसार जरूरत पड़ने पर ‘थर्ड पार्टी’ अंकेक्षण किया जा सकता है. लेकिन विभिन्न आरोपों के बावजूद मनपा प्रशासन ने ‘थर्ड पार्टी’ अंकेक्षण की पहल न कर इस कृत में धांधली करने वालों को संरक्षण दे रही, ऐसा भी आरोप जनमंच जैसे संगठनों ने लगाया है.
जन्मच के प्रमोद पांडे के अनुसार सीमेंट सड़क निर्माण करते वक़्त ठेकेदारों ने पीक्यूएस डालने,पेवर ब्लॉक लगाने,रोड साइड ड्रेन निर्माण करने,दोनों तरफ फुटपाथ निर्माण करने,इसके साथ ही सीमेंट सड़क निर्माण के दौरान जरूरतानुसार पानी का छिड़काव करना आवश्यक था,लेकिन प्रत्येक सड़क निर्माण के वक़्त कुछ न कुछ छोड़ दिया जा रहा है.
इसके अलावा सड़क निर्माण के समय निकले मलवे आदि को निर्माण क्षेत्र से हटाने ,सीमेंट सड़क से जुड़े सड़कों, गलियों को जोड़ना,समतल करना आदि आदि कागजों तक सिमित रखा गया है.
उल्लेखनीय यह है कि आजतक किसी भी ठेकेदार/ठेकेदार कंपनियों पर किसी भी प्रकार की जुर्माना नहीं थोपी गई, अर्थात निर्माण पश्चात् जर्जर नज़र आ रही सीमेंट सड़कों के निर्माताओं को बचाने का मनपा प्रशासन कर रही.