Published On : Tue, Sep 21st, 2021

महानिर्मिती विकास के लिए कटिबद्ध है सीई खंडारे

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नागपुर/ कोराडी -स्थानीय 660 × 3 मेगावाट उत्पादन क्षमता के क्रिटीकल ताप विधुत इकाई के मुख्य अभियंता एवं महानिर्मिती के कार्यपालन निदेशक प्रकाश खंडारे रिकार्ड विधुत उत्पादन एवं परियोजना विकास के लिए कटिबद्ध हैकिसी भी क्षण रात्रि में ही साईकिल मे सवार होकर पावर प्लांट मे पंहुचते और समस्याओं का जायजा लेते हैं।दिनभर प्लांट मे घूमते-फिरते महत्वपूर्ण कार्यों का निप्टान करवाते है। ईमानदारी से ड्यूटी में मग्न भोजन-खान- पान की परवाह नही करते अनेक मर्तबा चाय की चुस्की लेते हुए उन्हें व्यस्त देखा गया हैं।

यह नजारा देखकर सेक्सन प्रभारी अभियंता,अधिकारी,सुरक्षा-रक्षक व ठेका श्रमिक दांतों तले अंगुलियां दबाते हथप्रभ है।नतीजतन सभी अधिकारी और कर्मचारीगण सतर्कता समय सूचकता अनुशासन शिष्टाचार और कर्तव्य पारायणता का पालन करने के लिए मजबूर है।जिसे देखकर ऋषि चाणक्य की कहावत है चरितार्थ होती हैं कि जिस परिवार का मुखिया ईमानदार सुचरित्रवान और अनुशासन प्रिय हो वहाँ पर किसी भी प्रकार की आपदा-विपदा,संकट तथा व्याधि पनप ही नही सकती तथा उन्हें कोई पराजित भी नहीं कर सकता है। इतना ही नहीं जहाँ ईमानदारी और कर्तव्य पारायणता है वहाँ अपने आप नैसर्गिक विकास की गंगा बहते रहेगी। तकनीकी अभियांत्रिकी विशेषज्ञ प्रकाश खंडारे दिन भर पावर प्लांट का निरीक्षण विधुत निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान देत रहे हैं। वे अपवादात्मक विषयों पर ध्यान देना उन्हें बिलकुल ही पसंद नहीं है।

वाह-वाही व सस्ती लोकप्रियता पसंद नही
बताते हैं कि इस विधुत केंद्र के प्रशासक श्री खंडारे को सस्ती लोकप्रियता और निरर्थक वाह-वाही लूटना बिल्कुल ही पसंद नही है। उनका मनाना है कि सरकार हमे पगार देती हैं उसके बदले हमे ज्यादा से ज्यादा विकास काम करके मूल्य चुकाना जरुरी है।वे कर्म पर विश्वास रखते हैं। क्योंकि परिश्रम के बिना सफलता मिलना असंभव है। बताते हैं कि इस परियोजना के शुरुआत से यहाँ अधिकारियों की लापरवाही और कर्तव्यहीनता की बजह से कोयला प्लांट मे चहुंओर कचरा धूल कीचडयुक्त दल-दल के कारण कोल कन्वेयर वेल्ट बारंबार जाम होकर टूट-फूट रहे हैं।इससे महानिर्मिती को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

नतीजतन इससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। अभियंता श्री खंडारे को काम कम और फालतू बकवास करने वाले व्यक्ति बिलकुल पसंद नहीं है। वे ज्ञान श्रमकौशल और विज्ञान तकनीक को अधिक महत्व देते हैं।तत्संबंध मे उन्हें महानिर्मिती के प्रबंध निदेशक एवं विधुत विधुत संचालक संचलन का कुशल मार्गदर्शन प्राप्त है।