Published On : Fri, Sep 21st, 2018

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को कर्मचारियों ने दिया ज्ञापन

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नागपुर: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) के देश भर के सभी विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों और अन्य शासकीय कर्मचारियों के लिए जिस तरह से ‘मैट” की सुविधा प्रदान की है. उसी तर्ज पर न्यायधिकरण की स्थापना करने की मांग सीबीएसई स्कूल स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से की है.

इस सन्दर्भ का ज्ञापन दोनों मंत्रियो को सौपा गया है. इसके साथ ही एसोसिएशन की ओर से सीबीएसई के अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग के अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को भी ज्ञापन दिया गया है. यह जानकारी गुरुवार को सीबीएसई स्कूल स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आयोजित पत्रकार परिषद में दी गई.

इस दौरान कमेटी की अध्यक्ष दीपाली डबले, कार्यकारी अध्यक्ष कीर्ति पारधी, उपाध्यक्ष सुनील सत्यनारायण, सेक्रेटरी अंचल देवगड़े, जॉइंट सेक्रेटरी प्रशांत गायकवाड़, उमेश मेश्राम, ट्रैज़रर महेश डबले मौजूद थे.एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि देशभर में सीबीएसई के अनेक विद्यालय हैं.

ऐसे विद्यालय खुद से बनाए गए नियमों से चलाए जा रहे हैं. ऐसे विद्यालयों में व्यवस्थापन की ओर से शिक्षकों व शिक्षेत्तर कर्मचारियों का शोषण व धोखाधड़ी भी हो रहा है. कोई व्यवस्था व नियंत्रण नहीं होने से वे न्याय के लिए किसी के पास नहीं जा सकते. इसे ध्यान में रखते हुए देशभर के सीबीएसई स्कूल स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन भारत की एकमात्र संघटन है इस संघटन का 21 मार्च 2017 को अधिवक्ता संजय काशीकर के मार्गदर्शन में गठन किया गया. विद्यालयों के लिए विद्यालय न्यायधिकरण की स्थापना बेहद जरुरी है. एसोसिएशन के पदाधिकारियो ने बताया की केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इसे गंभीरता से लिया है और जावड़ेकर को न्यायधिकरण स्थापित करने के लिए पत्र भी लिखा है.

एसोसिएशन का कहना है कि पूर्व में हाईकोर्ट ने अपने एक निर्णय में स्पष्ट किया है कि राज्य विद्यालय न्यायधिकरण को सीबीएसई विद्यालयों से सम्बंधित क़ानूनी मामलों की सुनवाई या निपटारे का अधिकार नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए सीबीएसई विद्यालयों के लिए विशेष प्राधिकरण की स्थापना करना बेहद जरुरी है.

यह केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भी मान्य किया है. ऐसा करने से इन विद्यालयों में शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ होनेवाली मनमानी पर नियंत्रण लग पाएगा. उन्हें क़ानूनी मदद मिलेगी . इस सन्दर्भ में गडकरी ने जावड़ेकर को पत्र लिखा है.