Published On : Sat, May 5th, 2018

बालाजी ट्रेवल्स और वेकोलि सांठगांठ मामले को लेकर सीबीआई सक्रिय

Balaji Travels

नागपुर: गत सप्ताह वेस्टर्न कोल्फ़ील्ड्स लिमिटेड प्रबंधन की कार्यप्रणाली से जानमाल को उपजे खतरे और सरकारी राजस्व को चूना लगाने और गोंदिया की दशकों पुरानी विवादस्पद बालाजी ट्रैवल्स की मिलीभगत की पोलखोल नागपुर टुडे ने की थी.

जिसे वेकोलि के वणी नार्थ क्षेत्र ने गंभीरता से नहीं लिया. जब मुख्य सतर्कता अधिकारी ने गंभीरता दिखाई तो वणी नार्थ क्षेत्र सकते में आया. अब खबर यह भी आ रही है कि इस मामले को लेकर सीबीआई भी गंभीरता रुख़ अपना सकती है. सूत्र बताते हैं कि सीबीआई ने वेकोलि प्रबंधन को अतिशीघ्र ‘एक्शन टेकेन रिपोर्ट’ पेश करने का निर्देश दिया है.

Advertisement

जिसके बाद मुख्य सतर्कता विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए वणी नार्थ वेकोलि क्षेत्र के सम्बंधित विभाग को गोंदिया आरटीओ भेज कर बालाजी ट्रेवल्स द्वारा प्रस्तुत कागजातों की जांच करने का निर्देश दिया. इसी बीच बालाजी ट्रेवल्स का एक और प्रकरण प्रकाश में आया है जो चर्चा का केंद्र है.

एक चेचिस की ३ अलग-अलग निर्माण तिथि
हुआ यूं कि टाटा मोटर्स के ऑनलाइन पोर्टल में उपलब्ध जानकारी के अनुसार टाटा के जबलपुर के डीलर ‘कमर्सियल ऑटो’ ने विंगर स्कूल वैन की एक चेचिस गयाराम गायलोनिया को बेचीं थी. जिसका चेसिस नंबर ‘ एम ए टी 460010 ए यू जी 03957 ‘ है. जिसकी मैनुफ़ैक्चरिंग तिथि 1 अगस्त 2010 अंकित की गई है. इसके बाद गयाराम की विंगर स्कूल वैन चोरी हो गई. जिसे लेकर कटनी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज है.

प्राप्त कागजी सबूतों के अनुसार गोंदिया के बालाजी ट्रेवल्स के संचालक संदीप गुप्ता भी इसी चेचिस के मालिक हैं. छिंदवाड़ा आरटीओ के दस्तावेज प्रदर्शित कर रहे हैं. छिंदवाड़ा आरटीओ में यही चेचिस 16 अगस्त 2011 को पंजीकृत हुआ, आरटीओ के कागजातों के अनुसार इस चेचिस की मैन्युफ़ैक्चरिंग तिथि 1 जनवरी 2011 व विंगर का क्रमांक एमपी 28 पीओ 250 प्रदर्शित हो रहा है.

आरटीओ के कागजात पर अंकित है कि यह चेचिस गुप्ता ने अजिंक्य मोटर्स से खरीदी थी. अब सवाल है, जब यह चेचिस चोरी हो गई थी और एफआईआर तक दर्ज कराई जा चुकी थी तो इसके बाद बालाजी ट्रेवल्स ने इस विंगर स्कूल वैन को गोंदिया निवासी पवन बानेवार को कैसे बेचा. तब गोंदिया आरटीओ ने इसे एमएच 35 के 3968 क्रमांक दिया और इसके चेचिस की मैन्युफ़ैक्चरिंग तिथि जून 2011 दर्ज की.

सवाल यह भी है कि एक ही कंपनी की एक चेचिस की तीन-तीन मैन्युफ़ैक्चरिंग तिथि कैसे हो सकती है. और जब पहली दफा यह चेचिस चोरी हो चुकी तो दूसरी-तीसरी बार खरीद-बिक्री कैसे हुई. इस धांधली में बालाजी ट्रेवल्स के अलावा उक्त आरटीओ के सम्बंधित अधिकारी-कर्मी भी शामिल हैं, जिसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग वणी नार्थ के इंटक नेता आबिद हुसैन ज़हीद हुसैन ने सीबीआई से की है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement