Published On : Fri, Apr 10th, 2015

अकोला : रिश्वत लेते बिक्री कर अधिकारी निकम गिरफ्तार

Natthu Nikam
अकोला। अकोला के बिक्री कर कार्यालय में व्यवसाय कर अधिकारी श्रेणी 2 के रूप में कार्यरत विनोद नत्थूपंत निकम को अकोला के भ्रष्टाचार निरोधक दल ने 40 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. 2 मामलों में एक लाख रूपए का बिक्री कर अदा करने के बजाय 40 हजार रूपए देकर मामला निपटाने का प्रयास निकम को भारी पडा और बिक्रीकर भवन में 40 हजार रूपए की नगद रकम स्वीकार करते हुए एसीबी ने निकम को रंगेहाथ पकडा.

शासकीय सेवा में श्रेणी 2 के अधिकारी विनोद निकम को भार भरकम वेतन होने के बावजूद आसानी से मिलनेवाली रिश्वत के लालच में उन्होंने करोडों का व्यवसाय करनेवाले व्यापारियों के पास से बडे पैमाने पर घूंस लेने का मामला एसीबी तक पहुंचा था. वहीं एक शिकायतकर्ता की शिकायत पर गुरुवार को एसीबी के उपाधीक्षक उत्तम जाधव ने जाल बिछाकर व्यवसाय बिक्री कर अधिकारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.

इस संदर्भ में एसीबी ने जो जानकारी दी उसमें बताया गया है कि अकोला के बिक्री कर कार्यालय की ओर से जिले के लगभग 2 हजार से अधिक लोगों को नोटिस जारी की गई है. इस नोटिस के बाद कार्यालय में आनेवाले व्यापारियों को फांसकर उनसे रिश्वत लेने के कई मामले सुने गए, किन्तु शिकायत न मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हुई थी. गुरुवार को गिरफ्तारी के बाद एसबी ने अपील की है कि एस तरह की रिश्वतखोरी यदि निकम ने पहले की है तो संबंधित व्यक्ति सामने आकर शिकायत दर्ज कराएं.

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निकम पर पहले भी था रिश्वत का आरोप
40 हजार की रिश्वत लेते एसीबी के जल में फंसे विनोद निकम इससे पहले भी रिश्वतखोरी के मामले मेंपकडे गए थे. बिक्री कर निरीक्षक के रूप में मुंबई मेंकार्यरत रहते 2003 में उन्हें रिश्वत लेने के जुर्म में पकडागया था. सन 2010 में वे न्यायालय से निर्दोष बरी हुए थे. इस मामले से सबक लेने के बजाय उन्होंने अकोलामें भी जमकर लक्ष्मी बंटोरनी आरंभ की, जो उनके गलेकी फांस बनी.

नासिक जिले के नामपुर निवासी है निकम
नासिक जिले के सटाना तहसील अंतर्गत ग्राम नामपुरनिवासी निकम सन 2011 से अकोला के बिक्रीकार्यालय है. अकोला में आदर्श कालोनी में रहनेवाले निकम व्यवसायियों से भलीभांति परिचित है, क्योंकि उन्होंने व्यवसाय कर के नाम पर हजारों व्यवसायियों को नोटिस देकर बाद में उनसे समझौता करने की बत सामने आ रही है. आज शिकायत के बाद उपरोक्त कार्रवाई की गई, जिसमें एसीबी के दल ने प्रिवेन्शन आफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 7,13 (1), 9, 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया है.

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