नई दिल्ली: किसानों के विरोध प्रदर्शन को मीडिया में आने का जरिया बताने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह पर बिहार के मुजफ्फरपुर की चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस दर्ज किया गया है. ये केस सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने दर्ज कराया है. राधामोहन सिंह ने पटना में कहा था, “देश में 12-14 करोड़ किसान हैं, किसी भी संगठन में 1000-2000 किसान स्वाभाविक हैं और मीडिया में आने के लिए अनोखा काम करना ही पड़ता है.”
कृषि मंत्री के इस बयान का दिल्ली प्रदेश यूथ कांग्रेस ने विरोध किया है, यूथ कांग्रेस आज किसानों की मांग के समर्थन में कृषि भवन पर विरोध प्रदर्शन भी करने वाली है. इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री भी किसानों के आंदोलन को ”खामखां की बात” बता चुके हैं. देशभर में फसल के सही दाम, कर्ज माफी और अन्य मांगों को लेकर 10 दिन का अवकाश कर रहे किसानों के आंदोलन का आज चौथा दिन है.
पर्याप्त मात्रा में लोगों फल और सब्जियां मंडी में नहीं पहुंचने पर लोगों को परेशानी हो रही है और कई जगह मंडियों में फल और सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. देश के अलग अलग हिस्सों में किसान सड़कों पर दूध गिराकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं. आज नागपुर में किसानों ने कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के बयान के विरोध में सड़क पर दूध गिराकर विरोध जताया.
इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों की रैली को संबोधित करेंगे. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”हमारे देश में रोज 35 किसान आत्महत्या करते हैं, कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान ले जाने के लिए किसान भाई 10 दिनों का आंदोलन करने पर मजबूर हैं, हमारे अन्नदाताओं के हक की लड़ाई में उनके साथ खड़ा होने के लिए 6 जून को किसानों की रैली को संबोधित करूंगा.” रैली के लिए 6 जून को चुनने की वजह है पिछले साल मंदसौर में हुई किसानों पर हुई फायरिंग जिसमें 6 किसान मारे गए थे.
हमारे देश में हर रोज़ 35 किसान आत्महत्या करते हैं। कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ़ केंद्र सरकार का ध्यान ले जाने के लिए किसान भाई 10 दिनों का आंदोलन करने पर मजबूर हैं। हमारे अन्नदाताओं की हक की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के लिए 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करूंगा। pic.twitter.com/Bv4Hv72jE8
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 2, 2018
1 जून को राजस्थान के जयपुर में किसानों का आंदोलन उग्र होने के बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया था. किसानों की मांग थी कि उनकी फसलों पर मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) और लोन माफी दी जाए.