तलेगांव (शामजीपंत) (वर्धा)। विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों ने कार्यकर्ताओं को संभालते हुए हर घर तक अपना संदेश और शुभकामनाएं पहुंचाने का काम कर रहे हैं. चुनाव के नतीजों के दो दिन बाद ही दिवाली है. यानी सच्चे अर्थों में दिवाली तो विधायकों की ही होगी, निर्वाचित विधायकों की.
चुनाव-प्रचार के दौरान हर उम्मीदवार अपनी आवाज हर घर तक पहुंचाने की कोशिश में लगा है. पदयात्रा, प्रचार-फेरियां, घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क की कोशिश की जा रही है. कार्यकर्ताओं की शाम की व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि कार्यकर्ता 15 अक्तूबर तक जुटे रहें. उनके वाहनों में तेल डलवाने के साथ ही उन्हें धन भी दिया जा रहा है. इन सारे खर्चों को पूरा करते हुए उम्मीदवारों की नाक में दम तो आ ही रहा है. कुछ उम्मीदवारों ने वोटों के बंटवारे की कोशिश में निर्दलीयों को भी मैदान में उतारा है. उनका खर्च उठाना भी जरूरी है. इस स्थिति में दशहरा तो बीत गया है, मगर दिवाली आते-आते दिवाला जरूर निकल जाएगा. जो जीत कर आएंगे उनकी जोर-शोर से मनेगी और जो हार जाएंगे उनकी दिवाली के कहने ही क्या?
Representational pic