Published On : Fri, Oct 14th, 2016

व्यापारियों के बीच जीएसटी को आसानी से लागू करने हेतु कैट एवं टैली द्वारा संयुक्त अभियान की घोषणा

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CAIT & Tally Solutions

नागपुर: जीएसटी पूर्ण रूप से टेक्नोलॉजी पर आधारित एक कर प्रणाली है जिसकी पालना केवल कंप्यूटर के माध्यम से ही हो सकेगी जबकि दूसरी ओर अभी भी देश भर में बड़ी संख्यां में व्यापारियों एवं गैर संगठित क्षेत्र के अन्य वर्गों द्वारा अपने व्यवसाय में कंप्यूटर सिस्टम को अपनाया जाना बाकी है ! इस अंतर को कम करने ओर देश भर में व्यापारियों को जीएसटी की बारीकियों और उसके कंप्यूटरीकृत पालना हेतु प्रशिक्षित करने के लिए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश की प्रमुख सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट कंपनी टैली सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय अभियान चलाने की घोषणा की है ! इस अभियान के अन्तर्गत देश के विभिन्न शहरों में कांफ्रेंस, वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित कर जीएसटी से व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव, विभिन्न प्रावधानों का कंप्यूटर के द्वारा पालना और डिजिटल तकनीक को अपनाने पर विशेष जोर होगा ! देश भर में जीएसटी को आसानी से व्यापारियों के बीच लागू करने की दृष्टि से कैट एवं टैली के इस संयुक्त अभियान की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी !

आज नई दिल्ली में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने टैली सॉल्यूशंस के साथ इस संयुक्त अभियान की घोषणा करते हुए कहा की जीएसटी कर प्रणाली वर्तमान वैट कर प्रणाली से बिलकुल भिन्न है और एक्साइज, सर्विस टैक्स एवं वैट सहित अन्य अनेक करों के जीएसटी में समाहित होने एवं पूर्ण रूप से कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के द्वारा ही पालना के चलते यह बेहद जरूरी है की इस बारे में व्यापारियों को प्रशिक्षित किया जाए ! यह भी महत्वपूर्ण है की सरकार पूरी तरह व्यापार एवं उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा दे रही है और भविष्य में व्यापार के सभी क्षेत्रों में भी डिजिटल तकनीक का बेहद महत्व होगा और इस बात को देखते हुए कैट एवं टैली के संयुक्त अभियान में प्रशिक्षण के दौरान डिजिटल तकनीक को अपनाने पर ही मुख्य फोकस रहेगा !

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भरतिया एवं खंडेलवाल ने यह भी कहा की जीएसटी के अन्तर्गत व्यापारियों द्वारा कर का भुगतान नकद अथवा चेक के स्थान पर क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड, एनएफटी अथवा आरटीजीएस से ही होगा तथा टैक्स रिटर्न, इनपुट क्रेडिट लेना, व्यापारियों और कर विभाग के बीच संपर्क भी कंप्यूटर के जरिये ही होगा ! इस कारण से व्यापारियों को कंप्यूटर प्रणाली से युक्त करना और जीएसटी के मुख्य बिंदुओं को समय से पहले समझाना बेहद आवश्यक है !ऐसे समय में जब सरकार डिजिटल तकनीक को अपनी प्राथमिकता पर रखे हुए है ऐसे में व्यापारियों को निश्चित रूप से तकनीक को अपने व्यापार में शामिल करना ही होगा !

सम्मेलन को संबोधित करते हुए टैली सॉल्यूशंस के मैनेजिंग डायरेक्टर भरत गोयनका ने कहा की गत 30 वर्षों से टैली नेअत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बेहद आसान सॉफ्टवेयर दिए हैं जिसके स्वर देश भर के व्यापारियों को अपने व्यापार को विकसित करने में मदद मिली है और जीएसटी में तकनीक का ही महत्व है जिसे व्यापारियों द्वारा आसानी से अपनाया जा सके ! इस बात को ध्यान में रखते हुए ही टैली एवं कैट के संयुक्त प्रयासों से हमें उम्मीद है की हम देश के कोने कोने में व्यापारियों के बीच तकनीक का विस्तार कर पाएंगे और यह बता पाने में सफल होंगे की किस प्रकार से जीएसटी की पालना आसानी से कंप्यूटर तकनीक से की जा सकती है !

कैट एवं टैली द्वारा शुरू किये जा रहे इस संयुक्त अभियान में देश के विभिन्न राज्यों के हजारों व्यापारिक संगठनों के सहयोग से प्रथम चरण में टियर 1 और टियर 2 शहरों में जीएसटी कांफ्रेंस आयोजित की जाएँगी और उसके बाद इस अभियान को छोटे शहरों में शुरू किया जायेगा ! इस अभियान के द्वारा देश के प्रत्येक राज्य में व्यापारियों के समूह को मास्टर ट्रेनर के रूप में भी प्रशिक्षित किया जायेगा जिससे वो अपने राज्य के शहरों में जीएसटी से सम्बंधित तकनीक का विस्तार व्यापारियों के बीच में तेजी से कर सकें ! प्रस्तावित जीएसटी कानून के अन्तर्गत कंप्यूटर तकनीक से किस प्रकार पालना की जाएगी और उसके लिए व्यापार करने के तौर तरीके में क्या क्या बदलाव करना जरूरी है , इस बात पर जोर देते हुए व्यापारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा !

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