Published On : Fri, May 19th, 2017

मेडिकल अस्पताल में दाँत के मरीजों के लिए “कॅडकॅम” मशीन आयी मरीजों को होगा लाभ

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CADCAM Machines
नागपुर:
दाँत से सम्बंधित बीमारिया इन दिनों बढ़ती ही जा रही हैं. उसमे दाँत को कीड़े लगना, दांतो के कारण मुँह से दुर्गंद आना, दाँत सड़ना, जन्मातः दाँत पिले रहना, मसूढ़ों से खून निकलना यह सभी बीमारिया प्रमुखता से देखने को मिल रही हैं और ऐसे मरीजों की संख्या में भी बड़ी तादाद में इजाफा हो रहा है.इन बीमारियों में आधे से ज्यादा मरीजों को दाँत निकालवाना पड़ता है और वहा कृत्रिम दाँत लगवाना पड़ता हैं. लेकिन यह प्रक्रिया बड़ी लम्बी होती थी. मरीजों और डॉक्टर का ज्यादा समय इस प्रक्रिया में जाता था. लेकिन अब समय को ध्यान में रखकर कुछ ही मिनट में नया कृत्रिम दाँत बनाने वाली “कॅडकॅम” मशीन शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय और रुग्णालय में लाई गई है. यह मशीन 1 करोड़ 55 लाख रुपये खर्च करके जर्मनी से मंगवाई गई हैं. तीन साल की लम्बी प्रतीक्षा के बाद शासन ने इस मशीन के लिए निधि की मंजूरी दी थी.

दाँत के मरीजों की समस्या को देखकर दन्त रुग्णालय में ऐसी अत्याधुनिक मशीन की जरुरत थी. इसलिए 3 साल पहले ही रुग्णालय प्रशासन ने राज्य सरकार के पास यह प्रस्ताव दिया था. और यह प्रस्ताव मंजूर होकर जर्मनी के अमर गिरबा कंपनी की “कॅडकॅम” मशीन दन्त रुग्णालय में मंगवाई. महाराष्ट्र में नागपुर का मेडिकल अस्पताल यह पहला अस्पातल हो गया है. जहांपर यह मशीन हैं. इस मशीन के बारे में जानकारी देने के लिए जर्मनी से कुछ टेक्निशियन आये थे. जिन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी दी.

दन्त महाविद्यालय के विभागप्रमुख डॉ. सत्यम वानखेड़े ने बताया की, हमें कृत्रिम दाँत बनाने के लिए 7-8 दिन लगते हैं. इस मशीन के आने के बाद अब कृत्रिम दाँत एक दिन में बनेंगे. जरूरतमंद मरीजों को कम खर्चे में इस सुविधा का लाभ मिलेगा, और जेष्ठ नागरिको के लिए यह सुविधा मुफ्त रहेगी. इस मशीन के आने से मरीजों और डॉक्टर का समय बचेगा. दूर-दराज के गांव से इलाज के लिए आए हुए मरीज एक दिन में इलाज करके अपने घर जा सकेंगे. उन्होंने बताया की मरीजों की सेवा के लिए ही कृत्रिम दन्त शास्त्र विभाग हमेशा कार्यरत रहता है. कुछ ही दिनों में इस मशीन का उद्घाटन होगा और मरीजों के लिए यह शुरू करने की जानकारी भी वानखेड़े ने दी.