Published On : Fri, Feb 9th, 2018

25 की उम्र तक ही दे सकेंगे (नीट) एंट्रेंस टेस्ट

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नागपुर: सीबीएसई ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम (NEET) का एडमिशन नोटिस जारी कर दिया है . देशभर के स्टूडेंट्स को लंबे वक्त से इसका इंतजार था. अब यह साफ हो गया है कि नीट में 25 साल से ज्यादा उम्र के स्टूडेंट्स शामिल नहीं होंगे. वहीं, ओपन स्कूल और प्राइवेट स्टूडेंट्स को भी नीट के लिए एलिजिबल नहीं माना गया है. एडिशनल बॉयोलॉजी से 12th करने वाले स्टूडेंट्स को भी परीक्षा से बाहर कर दिया गया है . पहली बार आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के मेडिकल कॉलेज की 15% सीटों पर आॅल इंडिया कोटे से एडमिशन दिया जाएगा. फॉर्म 9 मार्च तक भरे जाएंगे और टेस्ट 6 मई को होगा . ओपन स्कूल और प्राइवेट स्टूडेंट्स अब इस नोटिफिकेशन को कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं .

सीबीएसई के नोटिफिकेशन के मुताबिक, नीट के लिए एज लिमिट 17 से 25 साल के बीच रखी गई है. ओपन स्कूल, प्राइवेट स्टूडेंट्स और एडिशनल बॉयोलॉजी से 12th की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट मेडिकल एंट्रेस एग्जाम नहीं दे सकेंगे. बोर्ड के करिअर काउंसलर के मुताबिक, नीट के लिए अप्लाई करने के लिए स्टूडेंट्स के पास आधार कार्ड होना जरूरी है . इसके साथ ही 10th क्लास और आधार कार्ड की जानकारियां नहीं मिल रही है तो स्टूडेंट्स को इसमें करेक्शन करवाना होगा . नीट के ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रोसेस 8 फरवरी से शुरू हुई है, जो 9 मार्च रात 11:50 मिनट तक चलेगी. फीस का भुगतान 8 फरवरी से लेकर 10 मार्च रात 11:50 बजे तक किया जा सकेगा . जनरल कैटेगरी की रजिस्ट्रेशन फीस 1400 रुपए, रिजर्व कैटेगरी और फिजिकली हैंडीकैंप्ड के लिए 750 रुपए रखी गई है. एंट्रेस टेस्ट 6 मई को होगा. फॉर्म भरने के दौरान स्टूडेंट्स को कॉमन सर्विस सेंटर्स और फैलीसिटेशन सेंटर्स पर मदद मिलेगी . आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के मेडिकल कॉलेज की 15% सीटों पर इस बार ऑल इंडिया कोटे से एडमिशन मिलेगा. इसके चलते इस बार ऑल इंडिया कोटे में करीब 300 से 350 सीटें बढ़ जाएंगी.

इस पर बेहतर रैंक वालों की दावेदारी रहेगी . इस कारण अच्छी रैंक वाले वहां के अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिले ले सकेंगे. पिछले साल नीट के लिए 3 अटेंप्ट और 25 साल की मैक्सिमम एज लिमिट तय की गई थी. इसके बाद जबरदस्त विरोध हुआ तो सीबीएसई ने नीट देने वाले सभी स्टूडेंट्स का 2017 में पहला अटेंप्ट माना. लेकिन एज लिमिट नहीं बढ़ाई. इसके बाद 25 साल की उम्र के नियम में आने वाले स्टूडेंट्स कोर्ट गए. मामला लंबा चला. आखिर में कोर्ट के आदेश के बाद स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए एलिजिबल किया गया.