Published On : Wed, Apr 7th, 2021

सरकार की लाॅकडाउन वाली मनमानी के खिलाफ व्यापारी संगठनों का विरोध

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विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था के अध्यक्ष ने लाॅकडाउन के कारण व्यापारियों में बढ़ते हुये रोष का संज्ञान लेते हुये कहा कि संस्था जिस भारतवर्ष में कृषिक्षेत्र के बाद व्यापारी वर्ग के भरोसे देश एवं राज्य की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। साथ ही जिस व्यापारी वर्ग द्वारा आम आदमी की रोजीरोटी एवं दैनदिनी आजीविका है, उस व्यापारी वर्ग पर कोरोना महामारी का सहारा लेकर राज्य सरकार ने लाॅकडाउन लगाकर, आर्थिक बोझ से जुझ रहे व्यापारी के परिवार एवं उनके कर्मचारियों को सहपरिवार भुखमरी की नौबत ला दी है।

इसलिये चेंबर से संलग्न सभी व्यापारी संगठनो ने कानुन का पालन करते हुये अपने क्षेत्र तथा अपनी-अपनी दुकानों के सामने विरोध कर रहे है तथा व्यापारी संगठनों द्वारा 3 दिन की समय सीमा देते हुये सरकार से आग्रह कर रहे है कि हमें हमारे व्यापार करने दिया जाये एवं हमारा परिवार एवं कर्मचारियों का सही ढंग से पालन-पोषण करने दिया जाये।

चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने कहा कि बाजार खुले रहने पर व्यापारी एवं उसका कर्मचारी दिन भर अपनी दुकान पर बैठा रहता है। तब भी प्रशासन भीड़ की दुहाई देतीहै। लेकिन मार्केट बंद रहने की परिस्थिती में वह दुकान के बाहर या रोड पर घुमते नजर आते है तो रोड पर भीड़ नहीं होगी क्या? अतः सरकार ने लाॅकडाउन को शिथिल करते हुये व्यापारियों को अपने कार्यस्थल पर कार्यरत रहने की अनुमती देना चाहिये एवं बढ़ते हुये कोरोना पर रोक लगाना चाहिये।

चेंबर के उपाध्यक्ष श्री अर्जुनदास आहुजा ने कहा कि आज तो ऐसा महसुस हो रहा है कि जब व्यापारी अपने बलबुते पर व्यापार की नींव डालकर व्यापार को अपनी मेहनत से बढ़ाता है। लेकिन उसको अपनी मर्जी से व्यापारी करने की अनुमती क्यों नहीं दी जा रही है। व्यापारी पहले ही गत 1) वर्ष से अपने आर्थिक बोझ से ऊपर नहीं उठ पा रहा है। उसके साथ ही मार्च 2021 में पुनः स्थानीय प्रशासन ने लाॅकडाउन लगाया, अब राज्य सरकार ने लाॅकडाउन लगाया और आगे हो सकता है कि केन्द्र सरकार भी बढ़ते कोरोना संक्रमण के नाम पर लाॅकडाउन का सहारा ले सकती है। तो व्यापारी ने क्या करना चाहिये? ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोरोना महामारी का तो व्यापारी इलाज करा लेगा किंतु आर्थिक बोझ एवं मानसिक परेशानियों का इलाज न होने पर उसे अपने जीवन एवं व्यापार से हाथ धोना पड़ेगा।

अतः हम समाचारपत्रों के माध्यम से सत्तासीन एवं प्रतिपक्ष से निवेदन करते है कि लाॅकडाउन को शिथिल कर व्यापारियों को व्यापार करने की अनुमती देवंे।

उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सचिव श्री रामअवतार तोतला ने दी।