Published On : Fri, Jun 19th, 2015

बुलढाणा : पड़ोसी राज्यों से पहुंच रहा प्रतिबंधित गुटखा

Advertisement


2012 में लगाया गया था प्रतिबंध

बुलढाणा। शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले गुटखा और पान मसालों की पूड़ीयों पर राज्य सरकार ने 20 जुलाई 2012 से प्रतिबंध लगाया था. इसके बावजूद आदेश का पालन न करते हुए कई बड़े बिक्रेता अलग-अलग राज्यों से ट्रकों द्वारा धड़ल्ले से गुटखा लाने की बात सामने आई है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थोक व चिल्लर बिक्रेता प्रतिबंधित गुटखा डबल दामों में बेचते है. जिससे गुटखे पर प्रतिबंध सिर्फ कागजों पर सिमीत रह गया है. करोड़ो रुपयों के राजस्व की पर्वा किये बगैर सरकार ने शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले गुटखा और पान मसालो की बिक्री तथा उत्पादन पर प्रतिबंध लगाया है. इस आदेश का उल्ल्ंघन करने पर दंडनीय कार्रवाई समेत तीन से पाच साल की सजा कानून ने निश्चित की है.

Gold Rate
13 May 2025
Gold 24 KT 94,300/-
Gold 22 KT 87,700/-
Silver/Kg 97,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

पहले इस सजा के कारण बिक्रेताओं में खौफ था. लेकिन अब जिले के कई बड़े बिक्रेता दूसरे राज्यों से धड़ल्ले से ट्रक द्वारा गुटखा ला रहे है. करोड़ो का गुटखा एक जगह पर रखा जाता है. कार्रवाई से बचने के लिए दो-तीन दिनों में जगह बदल दी जाती है. उसके बाद गुटखे का माल टपरीयों और चिल्लर बिक्रेताओं को वितरित किया जाता है.

गुटखे की लत देखते हुए आज भी हजारों ग्राहक जो भाव से मिले खरीद लेते है. ऊँचे लोग की ऊँची पसंद जैसे विज्ञापन करनेवाली कंपनी की गुटखा पूड़ियां आज भी बंदी के बाद 15 से 20 रूपये प्रति बेचीं जा रही है. पूड़ियों के शौकीन इससे ज्यादा पैसे चुकाने को तैयार है. बिक्रेता नये-नये फंडे आजमाकर दूसरे डबों में गुटकों की पूड़ियां रखते है. कुछ गाड़ी के डिक्की में, कुछ दुकान से लगकर रहनेवाले घर में माल रखते है. कुछ बिक्रेता सुबह 6 से 8 के बीच माल बेचते है, तो कही रात 8 से 11 के बीच दुकानों, टापरियों के सामने शौकिन ग्राहकों की भीड़ लगी होती है.

गुटखे पर प्रतिबंध लगाने की जिम्मेदारी अन्न व औषध प्रशासन की है. अकेले बुलढाणा शहर में 1 हजार 600 छोटी-बड़ी दुकानें है. ऐसे में यह विभाग अवैध गुटखा बिक्री रोक पायेगा? ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है.

Advertisement
Advertisement