Published On : Fri, Jun 28th, 2019

घाटे में चल रही बीएसएनएल के पास नहीं कर्मचारियों को सैलरी देने का फंड

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BSNL's Plan

नागपुर: सरकारी टेलीकॉम फर्म भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने सरकार से तत्काल फंड की सुविधा मांगी है. टेलीकॉम कंपनी ने जून के पहले 850 करोड़ रुपए की सैलरी देने सहित ऑपरेशंस जारी रखने में लगभग अक्षमता जताई है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पास लगभग 13,000 करोड़ रुपए आउटस्टैंडिंग लायबिलिटी है जिसने कारोबार को चलाना मुश्किल बना दिया है.

बीएसएनएल के कॉर्पोरेट बजट के सीनियर जनरल मैनेजर पूरन चंद्रा ने टेलीकॉम मंत्रालय के संयुक्त सचिव से पत्र लिखकर कहा कि मासिक राजस्व और खर्चों के बीच का अंतर एक ऐसे स्तर पर पहुंच गया है जहां बीएसएनएल के संचालन को जारी रखना बिना पर्याप्त इक्विटी के असंभव होगा. पिछले सप्ताह बीएसएनएल ने जो पत्र भेजा था, उसने सरकार से कंपनी के भाग्य पर एक्शन लेने और उसके अगली कार्रवाई के निर्देश देने का अनुरोध किया था. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार बीएसएनएल का काम सुचारु रूप से चलाने के लिए करीब 900 करोड़ रुपए दे सकती है.

नागपुर सर्कल के हालात भी देश से अलग नहीं है. नागपुर बीएसएनएल में करीब हजार कर्मचारी काम करते हैं. इन पर भी जून के वेतन को लेकर समस्याएं चल रही हैं. नेशनल फेडरेशन टेलीकॉम एम्प्लाइज के अध्यक्ष हरेंद्र पांडेय ने बताया कि महाराष्ट्र में मुंबई में सर्कल ऑफिस है और दिल्ली में कॉर्पोरेट ऑफिस है. वेतन को लेकर यह समस्याएं पिछले वर्ष से चल रही हैं. कर्मचारियों को मेडिकल बिल अभी तक नहीं मिल सका है.

कॉर्पोरेट ऑफिस द्वारा कहा गया है कि वे व्यवस्था कर रहे हैं. अभी तक कर्मचारियों को थर्ड पीआरसी नहीं दिया गया है, प्री कमीशन नहीं दिया गया. जो हर दस साल के बाद मिलता है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार से बीएसएनएल के लिए 4जी स्पेट्रम की मांग कर रहे हैं लेकिन उन्हें वह नहीं दिया जा रहा है. इसलिए हम दुसरो से मुकाबला नहीं कर पा रहे है. उन्होंने बताया की बीएसएनएल घाटे में है. बीएसएनएल की जो लैंड है वह बीएसएनएल के अधीन नहीं होने से लोन भी नहीं मिल पा रहा है.