Published On : Thu, May 17th, 2018

रिश्वतखोर उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण निंबालकर को जमानत, निलंबन साथ-साथ मिला

Advertisement
Court Gavel

Representational Pic

नागपुर: रिश्वत लेते रंगे हाँथ एसीबी के जाल में पकड़ाये जिला परिषद के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण सखाराम निंबालकर को गुरुवार को जमानत मिल गई। प्रभारी जिला सत्र न्यायालय रघुवंशी ने अरुण निंबालकर की तरफ से पैरवी कर रहे संजय करमरकर की दलीलों को संज्ञान में लेकर जमानत याचिका मंजूर कर ली। आरोपी के वकील ने अदालत में दलील दी की मामले से जुडी जाँच पूरी हो चुकी है ऐसे में निंबालकर को पुलिस कस्टडी में रखने का कोई औचित्य नहीं है। इससे पहले 14 मई को हुई सुनवाई के सरकारी वकील नितिन तेलगोटे ने याचिकाकर्ता द्वारा दी गई जमानत याचिका पर उत्तर दाखिल करने के लिए अदालत से समय माँगा था जिस वजह से गुरुवार तक निंबालकर को कस्टडी में भेजा गया था।

आज ही नागपुर जिला परिषद में प्रथम श्रेणी अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे अरुण निंबालकर को निलंबित कर दिया है। मुंबई स्थित ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गुरुवार को ही आरोपी निंबालकर को निलंबित किये जाने का आदेश निकाला गया।

क्या था मामला
जिले की भिवापुर तहसील के अंतर्गत आनेवाली चिंचाला ग्रामपंचायत में ग्रामसेवक पद पर कार्यरत शिकायतकर्ता की शिकायत पर निंबालकर को जाल बिछाकर एसीबी भंडारा की टीम ने रंगे हाँथो गिरफ़्तार किया था। अगस्त 2016 से जून 2017 तक उसके पास नांद ग्रामपंचायत का अतिरिक्त कार्यभार था। इसी दौरान चौदहवे वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त राशि से विभिन्न साहित्य और निर्माणकार्य का काम हुआ था। जिसमे भ्रस्टाचार होने की शिकायत की गई थी।

Gold Rate
28 April 2025
Gold 24 KT 95,700 /-
Gold 22 KT 89,000 /-
Silver / Kg 97,200 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

यह मामला सामने आने के बाद भिवापुर पंचायत समिति के बीडीओ को जाँच का जिम्मा सौपा गया था। मामले की जाँच कर रिपोर्ट निंबालकर को सौपी गई थी। इस रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय निंबालकर को ही लेना था। अपंने टेबल पर रिपोर्ट आने के बाद निंबालकर से खुद शिकायतकर्ता ग्रामसेविका से संपर्क किया और उसे इस मामले में क्लीन चिट देने के लिए एक लाख रूपए की माँग की। ये पैसे 50-50 हज़ार रूपए दो चरणों में देने थे। इसी महीने की 11 तारीख को ग्रामसेविका रिश्वत की पहली इंस्टॉलमेंट लेकर निंबालकर के पास पहुँची थी।

Advertisement
Advertisement