Published On : Tue, Nov 6th, 2018

सियेट कंपनी के कर्मचारियों के लिए दौड़ रहीं बोगस पंजीकृत बसें

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प्रबंधन का कहना है, ‘प्रशासकीय विभाग की देखरेख में हो रही संचालन’

नागपुर : बूटीबोरी में सीयेट नामक एक जग प्रसिद्ध कंपनी है, जिसके कर्मियों को आवाजाही के लिए ठेका पद्धति पर बसे किराए पर ली गई. ठेकेदार बोगस पंजीकृत बसें लगा कर सेवाएं दे रहा. कंपनी के परचेज विभाग से संपर्क करने पर उनका कहना है कि उक्त बसें कंपनी के प्रशासकीय विभाग के अधीन चल रही हैं. कंपनी की लापरवाही से उनके कर्मी रोज जान जोखिम में डाल सफर कर रहे हैं. कंपनी प्रबंधक और विभागीय परिवहन कार्यालय उक्त मामले में हस्तक्षेप कर सभी संबंधित पर कारवाई करने की मांग आवाजाही करने वाले कर्मियों ने की है.

याद रहे कि सीयेट कंपनी ने अपने कर्मियों के आवाजाही के लिए पूजा – वैष्णवी नामक बस ऑपरेटर को 10-11 बस संचलन का ठेका दिया है. यह सभी बसें 1 नवंबर से कंपनी के कर्मियों के लिए चलाई जा रही हैं.

इन सभी बसों में से 5-6 बसों की चेसिस बस ऑपरेटर ने वाल्वो आइसर कामर्शियल व्हीकल लिमिटेड से खरीदीं और इन चेसिसों पर बॉडी के साथ सीटों का निर्माण निजी निर्माता से करवाया. जब ये बसें पंजीयन के लिए आरटीओ गईं तो बस ऑपरेटर ने वाहन पोर्टल पर चेसिस ‘ वन प्लस वन ‘ अंकित किया. जबकि उक्त ऑपरेटर की सभी नई बसें ३० – ३२ सीटर है. आर टी ओ के नियमानुसार उक्त बस ऑपरेटर को ३०- ३२ सीट अंकित करना चाहिए था.

आरटीओ के नियमानुसार प्रति सीट १९०० रुपए प्रति वर्ष शुल्क अदा करना अनिवार्य है. इस हिसाब से उक्त बस ऑपरेटर ने आर टी ओ के शुल्क की चोरी की. इस करतूत में आर टी ओ के संबंधित अधिकारी की मिलीभगत साफ झलक रही है. क्यूंकि कोई भी बस ‘ वन प्लस वन ‘ नहीं होती है. इससे आर टी ओ सह राज्य सरकार को चूना लगा है.

उक्त विवाद जब तक स्पष्ट नहीं होता तब तक फिटनेस प्रमाणपत्र, आर सी, पी यू सी, परमिट आदि जायज बनना मुमकिन नहीं. संभवतः इस घटना से सीयेट कंपनी का परचेज विभाग वाकिफ है. इसलिए जब विभाग के अधिकारी पोद्दार से संपर्क किया गया तो उनका जवाब यह था कि यह मसला कंपनी के प्रशासकीय विभाग से संबंधित हैं. यह कहकर जवाब देने से वे टाल गए.

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों उक्त बस ऑपरेटर के बस के नीचे एक व्यक्ति के आने से उसकी मौत हो गई थी. अब जबकि बोगस कागजात के आधार पर दौड़ रही बस में सवार सीयेट कर्मी अपनी जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहा है तो किसी दुर्घटना की स्थिति में बस में सवार व्यक्ति को मुआवजा भी नहीं मिलेगा. उधर आर टी ओ के सूत्रों का कहना है कि बोगस कागजात पर बस क्रमांक हासिल किया गया है.उक्त सम्पूर्ण मामले की सूक्ष्म जांच की मांग के लिए एक शिष्टमंडल जल्द ही राज्य के परिवहन मंत्री और केंद्रीय परिवहन मंत्री से मुलाकात कर दोषियों पर कड़क कारवाई की मांग करेगा.